Mahangai Rahat Camp: महंगाई राहत कैम्पों में मिल रहे लाभ से आमजन का जीवन सरल हो रहा है। योजनाओं में लाभ के गारंटी कार्ड प्राप्त कर उनकी आंखों में उज्ज्वल भविष्य की चमक नजर आ रही है। कैम्पों में मिल रहे 10 जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ से महंगाई की मार कम हो रही है, जिससे जरूरतमंद परिवारों का जीवनयापन आसान हो रहा है।
आर्थिक बोझ कम होने से लोग अब कुछ बचत कर पा रहे हैं। इससे उन्हें भविष्य की चिन्ता से मुक्ति मिल रही है और वे बच्चों के लिए सुनहरे सपने संजो पा रहे हैं। प्रदेश भर से सामने आ रही बानगियों में राहत की यह तस्वीर साफ नजर आ रही है।
आंखों में उज्ज्वल भविष्य की चमक
बीकानेर निवासी 52 वर्षीय चंद्रप्रभा देवी का जीवन कठिनाइयों से भरा है। उनके बड़े पुत्र का 6 वर्ष पूर्व असामयिक निधन हो गया था, फिर 4 वर्ष पूर्व उनके पति का भी निधन हो गया। घर में कमाई का कोई स्थायी साधन नहीं है। चंद्रप्रभा देवी अपने 14 वर्षीय छोटे पुत्र को उच्च शिक्षित करना चाहती हैं, पर उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। कमरतोड़ महंगाई भी उनके सामने अनेक मुश्किलें खड़ी कर रहीं थीं। ऐसे में महंगाई राहत कैम्प की जानकारी मिलने पर वे अपने पुत्र के साथ वहां पहुंची और रजिस्ट्रेशन करवाया। उन्हें एक साथ 6 योजनाओं का लाभ मिला।
अब उन्हें हर महीने न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 100 यूनिट तक निशुल्क बिजली तथा 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। साथ ही उनका 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा और 10 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा भी हो गया है, जिससे वे चिन्तामुक्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अब वे अपने बेटे को उच्च शिक्षा दिला पाएंगी। मां-बेटे की आंखों में अब उज्ज्वल भविष्य की चमक है।
कम हुआ जिम्मेदारियों का बोझ
श्रीगंगानगर जिले के 12 केडी गांव निवासी रामकिशन के पुत्र की मृत्यु के बाद दो पौत्र-पौत्री के लालन-पालन की जिम्मेदारी भी उन पर ही आ गई। ऐसे में आर्थिक भार भी बढ़ गया था। प्रशासन गांवों के संग और महंगाई राहत कैम्प में रामकिशन की व्यथा सुनने के बाद अधिकारियों ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उनके पौत्र-पौत्री का पालनहार योजना में पंजीकरण करा दिया। जब रामकिशन को पता चला कि दोनों बच्चों को अब हर महीने एक-एक हजार रूपये मिलेंगे तो वे बेहद खुश हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे बच्चों को अच्छे से पढ़ाई करवा सकेंगे।
सीता का जीवन हुआ सरल
कोटा के हरिओम नगर निवासी सीता देवी की उम्र 65 वर्ष है। कुछ वर्ष पहले उनके पति का निधन हो चुका है। परिवार में 5 सदस्य हैं, जिनमें से उनका बेटा अनिल ही कमाता है। कड़ी मेहनत करने के बावजूद अनिल 10 हज़ार रुपये महीना ही कमा पाता है। ऐसी कठिन परिस्थिति में परिवार का जीवनयापन बहुत मुश्किल है।
कैम्प में पहुंची सीता देवी को 100 यूनिट तक फ्री बिजली, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा, 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा और हर महीने निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना का लाभ मिला है। पांच योजनाओं का लाभ पाकर सीता देवी और उनका परिवार प्रसन्न है। वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि इस राहत से परिवार के हर सदस्य का जीवन सरल हुआ है।