Karni Sena Founder Passes Away: करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का 68 साल की उम्र में निधन हो गया। सोमवार देर रात उन्होंने जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार 14 मार्च को दोपहर 2:15 बजे उनके पैतृक गांव नागौर में किया जाएगा।
लोकेंद्र सिंह कल्वी का ब्रेन स्टोक होने के बाद से उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था। एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक के बाद जून 2022 से अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
करणी सेना के संस्थापक लोकेंद्र सिंह कालवी का हार्ट अटैक से हुआ निधन
◆ वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे
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— News24 (@news24tvchannel) March 14, 2023
2018 में इस वजह से चर्चा में आई थी करणी सेना
बता दें कि लोकेंद्र सिंह कालवी करणी सेना के संस्थापक संरक्षक थे। जयपुर स्थित इस संगठन ने उस वक्त सुर्खियां बटोरीं, जब इसके सदस्यों ने 2018 में निर्देशक संजय लीला भंसाली को उनकी फिल्म पद्मावती के सेट पर पीटा था।करणी सेना के गठन के पीछे का विचार यह था कि वह अपने समुदाय के सांस्कृतिक मूल को संरक्षित करे।
2008 में कांग्रेस में शामिल हुए थे लोकेंद्र सिंह कालवी
लोकेंद्र सिंह कालवी राजस्थान के पूर्व मंत्री कल्याण सिंह कालवी के पुत्र थे। कल्याण सिंह कालवी भैरों सिंह शेखावत वाली सरकार में कृषि मंत्री थे। लोकेंद्र सिंह कालवी 2008 में इस उम्मीद में कांग्रेस में शामिल हुए थे कि उन्हें टिकट मिलेगा लेकिन पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया। 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले कालवी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाथ मिला लिया था।
कालवी ने बाड़मेर-जैसलमेर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि इस सीट से उनके पिता कल्याण सिंह कालवी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और सांसद चुने गए थे।
करणी सेना क्या है?
श्री राजपूत करणी सेना (SRKS) एक राजपूत जाति समूह है जिसकी स्थापना 2006 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने की थी। इसका मुख्यालय जयपुर, राजस्थान में है और करणी सेना के मुख्य केंद्र जयपुर, नागौर और सीकर जिलों में स्थित हैं।
करणी सेना लोकेंद्र सिंह कालवी के दिमाग की उपज थी, जिन्होंने भाजपा के विद्रोही नेता देवी सिंह भाटी के साथ मिलकर एक सामाजिक न्याय मंच का गठन किया था। फोरम ने 2003 के राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़कर मुख्यधारा की राजनीति में छलांग लगाई थी।
करणी सेना ने 2008 में आशुतोष गोवारीकर की फिल्म जोधा अकबर के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध के कारण जोधा-अकबर राजस्थान में रिलीज नहीं हो सकी थी।