Jaipur Municipal Corporation Greater Adjourned: जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा का मंगलवार को भी दूसरे दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस और बीजेपी पार्षदों के बीच बहस और हाथापाई की वजह से सभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस पार्षद राजेश गुर्जर जब प्रस्ताव पर अपनी बात रख रहे थे, तभी बीजेपी के एक पार्षद ने बीच में खड़े होकर टिप्पणी कर दी। इससे दोनों पार्टियों के पार्षदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया।
बहस इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस और बीजेपी के पार्षद वेल में आकर हाथापाई पर उतर आए। सभा में मौजूद मेयर और अधिकारियों ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन स्थिति और खराब हो गई थी।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा के दूसरे दिन एजेंडे के प्रस्तावों पर चर्चा के बीच हंगामे का माहौल रहा। सभा में कुल 150 पार्षदों में से केवल 81 पार्षद ही मौजूद रहे। वाइस मेयर पुनीत कर्णावट समेत कई संचालन समितियों के चेयरमैन बैठक से गायब रहे।
समितियों को भंग करने का प्रस्ताव
साधारण सभा में मुख्य एजेंडा नगर निगम की वर्किंग कमेटियों को भंग करने से जुड़ा रहा। इस प्रस्ताव को मेयर की ओर से लाया गया, जिसका मकसद सरकार और संगठन पर दबाव बनाना बताया गया। हालांकि, भाजपा इस प्रस्ताव को लेकर कड़ा विरोध कर रही है और इसे संगठन तक पहुंचा चुकी है।
सदन में मेयर सहित 81 पार्षद ही मौजूद रहे। भाजपा के 50 और कांग्रेस के 20 पार्षद सभा में पहुंचे। उप महापौर पुनीत कर्णावट, चेयरमैन सुखप्रीत बंसल, रश्मि सैनी, राखी राठौड़, विनोद चौधरी, शील धाभाई, मीनाक्षी शर्मा, दुर्गेश नंदनी, अरुण शर्मा, अरुण वर्मा, अभय पुरोहित, जितेंद्र श्रीमाली बैठक से नदारद रहे। बैठक के दौरान भारती लख्यानी भी सदन छोड़कर चली गईं।
सदन में उठे प्रमुख मुद्दे
मेयर द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को प्रेशर पॉलिटिक्स का भाग बताया जा रहा है। भाजपा के कुछ पार्षद इसे संगठन के खिलाफ बता रहे हैं।
बैठक में कम उपस्थिति
पार्षदों की अनुपस्थिति ने सभा की गंभीरता पर सवाल खड़े किए हैं। 27 जनवरी को आयोजित सभा में सफाई कर्मचारियों ने निगम मुख्यालय के बाहर जोरदार हंगामा किया था।
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