के जे श्रीवत्सन
जयपुर में एक अनोखा इवेंट लोगों के आकर्षण का बड़ा केंद्र बना हुआ है। यह है विंटेज और क्लासिक कार एग्जीबिशन जिसमें अधिक मॉडल की कारें शोकेस की गई हैं। यह इस शोकेस का 26वां संस्करण है, जिसे राजपूताना ऑटोमोटिव क्लब और राजस्थान सरकार का पर्यटन विभाग मिलकर करवा रहा है। 23 मार्च रविवार को इन विंटेज कारें सड़कों पर सरपट दौड़ती नजर आएंगी। कार रैली का रूट गवर्नमेंट हॉस्टल, एमआई रोड, पांच बत्ती, स्टेच्यू सर्कल, अंबेडकर सर्कल होते हुए जयमहल पैलेस में खत्म होगा। जयपुर में अगले दो दिन विंटेज कार एग्जीबिशन की धूम रहेगी। इसमें राजा-महाराजाओं की आलीशान कारों से लेकर अपने जमाने की हैरतअंगेज कर देने वाली क्लासिकल और हैरिटेज कारें शामिल हैं। जयपुर के साथ-साथ चंडीगढ़ और मुंबई जैसे शहरों से ये कारें यहां लाकर शोकेस की गई हैं।
डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने किया उद्घाटन
28 साल पहले, साल 1996 में सबसे पहले 10 कारों के साथ इस विंटेज और हेरिटेज कार शोकेस एग्जीबिशन को शुरू किया गया था, जो कि आज देश का सबसे प्रतिष्ठित हेरिटेज और क्लासिक एग्जीबिशन कहलाता है। डिप्टी सीएम दिया कुमारी इस एग्जीबिशन की शुरुआत के लिए पहुंची तो उन्होंने अयोध्या के महाराज की कार में बैठकर एग्जीबिशन के लिए आई तमाम कारों को देखा और कहा कि हर कार अपने आप में एक कहानी लिए हुए है, जो कि हेरिटेज और उस दौर को समझने का मौका दे रही है। इस हेरिटेज को बचा कर रखना और इन्हें नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है।
कार के साथ जुड़ी रोचक कहानियां
इस बार यहां जो कारें शोकेस की गई हैं, उनमें पूर्व राज परिवार की गायत्री देवी, क्रिकेटर रवि शास्त्री को एक टूर्नामेंट के दौरान मिली क्लासिक कार, 1913 की फोर्ड मॉडल टी, 1919 की सिट्रोन रोडस्टर, 1930 कॉर्ड L29 कैब्रियोलेट, 1950 रिले कूप, 1923 ऑस्टिन चम्मी की कार शामिल हैं। कई कारें तो यहां पर ऐसी हैं, जिसका दूसरा मॉडल पूरे देश में कहीं नहीं है। यही कारण है कि उनके मालिक आज भी इसे शान और रुबाब के साथ संभाल कर आज भी उस सुनहरे दौर की याद ताजा रखे हुए हैं।
हर कार के साथ अपनी एक रोचक कहानी भी जुड़ी हुई है, जिसके जरिए ऐसी कारों के शौकीन के साथ-साथ नई पीढ़ी भी इन कारों की टेक्नोलॉजी और डिजाइन के साथ दिलचस्प जानकारियां जुटा रही है। दो दिन के इस शो के दौरान कारों की मौलिकता, रखरखाव, दुर्लभता, ऑरिजन के आधार पर 3 सेक्शंस- विंटेज, क्लासिक और मॉडर्न क्लासिक में बांटा जाएगा और ऑटो एक्सपर्ट जूरी की ओर से जज किया जाएगा।
सभी कारें विंटेज और हेरिटेज हैं और आज के दौर की कारों के साथ भले ही स्पीड के मामले में इनका उनसे कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन आज भी यह कारें पुराने दौर की यादें ताजा कर हेरीटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी मददगार साबित हो रही हैं। इसके साथ ही यह आयोजन उन पुराने कार मैकेनिकों को रोजगार के मौके पैदा करने की प्रेरणा और मकसद भी देता है, जिनका हुनर बदलती टेक्नोलॉजी और ऑटोमेशन के कारण बेकार हो गया है।
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