Jaipur: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर समेत 50 पार्षदों ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। मेयर मुनेश गुर्जर का आरोप है कि निगम के अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा मनमानी करते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। मेयर समेत 50 पार्षद शुक्रवार रात से ही सरकार के खिलाफ 13 घंटे से धरने पर हैं। इससे पहले शुक्रवार शाम को पार्षदों की निगम के अतिरिक्त आयुक्त के साथ जमकर तू-तू मैं-मैं हुई। इसके बाद गुस्साए पार्षदों ने आयुक्त को कमरे में बंद कर दिया।
अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने पर हुआ विवाद
मेयर ने कहा कि अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा जनता के कामों को लेकर लगातार गैर-जिम्मेदाराना रवैया बरत रहे हैं। जिससे शहर की सफाई व्यवस्था चौपट हो रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को जल्द से जल्द आयुक्त को निलंबित करें। बता दें कि पार्षदों को अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 5 अस्थायी कर्मचारी दिए जाते हैं। जिनकी नियुक्ति टेंडर प्रकिया के माध्यम से की जाती है। पार्षदों का आरोप है कि इस प्रकिया के लिए अतिरिक्त आयुक्त जरूरी दस्तावेजों पर साइन नहीं कर रहे हैं।
गुस्साए पार्षदों ने आयुक्त को कमरे में किया बंद
शुक्रवार को एक बार फिर 50 पार्षद महापौर के पास गए और टेंडर नोटशीट पर साइन कराने की बात कही। इस पर मेयर ने अतिरिक्त आयुक्त को अपने ऑफिस में आने को कहा। लेकिन वर्मा के नहीं आने पर पार्षद उनके कक्ष में गए और उन्हें जबरन मेयर के कक्ष में ले आए। इसके बाद मेयर और आयुक्त में बहस हो गई। इस पर गुस्साए पार्षदों ने आयुक्त को कमरे में बंद कर दिया।
वर्मा के हटने तक धरने पर बैठी रहूंगी-मेयर
इसके बाद मेयर समेत 50 पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया। रात को धरने पर बैठी मेयर ने कहा कि आयुक्त लगातार अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने वर्मा की शिकायत सीएम और मंत्री महेश जोशी से की है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार वर्मा को नहीं हटाएगी तब तक मैं यहीं धरने पर बैठी रहूंगी।