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OBC आरक्षण को लेकर दिव्या मदेरणा ने सरकार पर कसा तंज, कही ये बड़ी बात

जयपुर: राजस्थान के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा हमेशा बेबाक बयान देती हैं। दिव्या मदेरणा राजस्थान की जनता से जुड़ा हुआ कोई भी मुद्दा हो उस पर अपनी बेबाकी से राय रखती हैं। अब एक बार फिर से विधायक दिव्या मदेरणा सुर्खियों में हैं। एक बार फिर उन्होंने अपने मन की बात ट्विटर पर […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Nov 11, 2022 12:46
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Congress MLA Divya Maderna
MLA Divya Maderna

जयपुर: राजस्थान के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा हमेशा बेबाक बयान देती हैं। दिव्या मदेरणा राजस्थान की जनता से जुड़ा हुआ कोई भी मुद्दा हो उस पर अपनी बेबाकी से राय रखती हैं। अब एक बार फिर से विधायक दिव्या मदेरणा सुर्खियों में हैं। एक बार फिर उन्होंने अपने मन की बात ट्विटर पर लिखते हुए ओबीसी आरक्षण की चर्चा कर ब्यूरोक्रेसी पर तंज कसा है, साथ ही सरकार से भी तीखे सवाल किये हैं।

दिव्या मदेरणा ने सरकार पर तंज कसते हुए पूछा है अशोक गहलोत जी व गोविन्द सिंह डोटासरा जी द्वारा ओबीसी विसंगतियों का शीघ्र समाधान का आश्वासन देने के एक माह से ज़्यादा समय के बाद भी परिपत्र दिनांक 17 अप्रैल, 2018 को वापिस नहीं लेना क्या दर्शाता हैं? क्या इसमें भी ब्यूरोक्रेसी भारी पड़ रही है?

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इसके बाद कहा कि ओबीसी युवा समझ नहीं पा रहे है कि सरकार के समक्ष ऐसी क्या मजबूरी रही कि दिनांक 09.11.2022 की कैबिनेट बैठक में उक्त मामले को मंजूरी नही मिल सकी। जबकि मुख्यमंत्री जी और पीसीसी चीफ दोनों स्वयं इसी ओबीसी वर्ग से आते है। सरकार तुरंत प्रभाव से परिपत्र दिनांक 17 अप्रैल, 2018 को वापिस ले।

मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा है

दिव्या मदेरणा ने मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा है। लिखा है कि सितंबर में हुए राज्य स्तरीय आंदोलन के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ हुई वार्ता में यह कहा गया था कि सरकार अगले 48 घंटों में इसका निस्तारण कर देगी। यह दुर्भाग्य है कि डेढ़ माह बाद भी सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया और कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा भी नहीं की। दिव्या मदेरणा ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश के लाखों ओबीसी युवा सरकार की ओर नजर लगाए बैठे हैं सरकार को जल्द इस पर निर्णय लेना चाहिए।

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ये है पूरा मामला

ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की माने तो राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फ़ीसदी आरक्षण मिला हुआ है लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है।

ये है मांग

संघर्ष समिति की मांग है कि विभाग ने भर्तियों के लेकर जो उपनियम बनाए हैं उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फ़ीसदी आरक्षण से अलग हो।

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Nirmal Pareek

First published on: Nov 11, 2022 12:46 PM

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