Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 की सुगबूगाहट शुरू हो चुकी है। सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर रणनीति बनाने में जुट गई हैं। एक तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी है जो जन आक्रोश यात्रा निकाल रही है। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस है जो टिकट वितरण को लेकर अभी से रणनीति बनाने में जुट गई है। कमजोर जनाधार वाले मंत्री-विधायकों के टिकटों पर इस बार खतरा है। फिर से जीत नहीं सकने वाले मंत्री-विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। इसके लिए एक सर्वे को आधार बनाया जाएगा।
कांग्रेस द्वारा सभी 200 सीटों पर सर्वे कराने की बात सामने आ रही है। जिसमें पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा दिये जाने वाले फीडबैक भी महत्वपूर्ण होगा। आमतौर पर चुनाव से पहले प्रत्येक पार्टी द्वारा सर्वे कराए जाते रहे है। और उसी सर्वे के आधार पर पार्टी अपनी रणनीतियां बनाने में जुटी रहती है। उसी सर्वे के आधार पर पार्टियां जिताउ उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी बनाती है।
सर्वे के आधार पर मिलेगा टिकट
ऐसा माना जा रहा हैं कि कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित सर्वे अप्रेल से लेकर सितम्बर के बीच करवाया जा सकता है। इस चुनाव में कांग्रेस मिशन रिपीट के नारे के साथ मैदान में उतरने जा रही है। इस बार कांग्रेस सर्वे के पैटर्न में बदलाव करेगी और ज्यादा लोगों के बीच पहुंचकर राय लेने के लिए सैंपल साइज बड़ा करवाया जाएगा।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि सर्वे के आधार पर टिकट का फैसला होगा। पहले संगठन के खाली पद पर नियुक्तियों पर काम होगा, इसके बाद सर्वे पर काम होगा।
नये चेहरों को मिलेगा मौका
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पिछले दो दिन तक कांग्रेस के अलग-अलग नेताओं से फीडबैक लिया था। फीडबैक के अनुसार इस बार उन विधायकों व मंत्रियों के टिकट काटे जाएंगे, जिनका फीडबैक नेगेटिव होगा। प्रदेश प्रभारी की माने तो जिन मंत्रियों और विधायकों के फिर से जीतने की हालत नहीं है, उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जाना चाहिए।
कमजोर सीटों पर पहले घोषित होगा उम्मीदवार
कांग्रेस में इस बार कमजोर सीटों पर पहले उम्मीदवार घोषित करने की रणनीति है। कांग्रेस में टॉप लेवल पर इस बात का सुझाव आया है कि जो सीटें सबसे ज्यादा कमजोर हों वहां पहले उम्मीदवार घोषित किया जाए ताकि चुनाव प्रचार से लेकर ग्राउंड कनेक्ट तक आसानी रहे।