जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गाड़िया लौहार जनजाति के विकास के लिए बड़ा फैसला लेते हुए ‘गाड़िया लौहार कल्याण बोर्ड’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सीएम गहलोत ने इससे पहले भी राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड, राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड तथा राजस्थान राज्य रजक कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सीएम गहलोत के इस फैसले का गाड़िया लौहार जाती ने स्वागत किया है और आभार जताया है।
बता दें अब राजस्थान में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद गाड़िया लोहार समाज के लिए भी अलग से राजस्थान राज्य गाड़िया लोहार कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके तहत उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और इसी क्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गाड़िया लोहार समाज को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा पिछड़ापन दूर करने के लिए ‘राजस्थान राज्य गाड़िया लोहार कल्याण बोर्ड’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
बोर्ड इस तरह करेगा काम
प्रस्तावित बोर्ड का काम गाड़िया लोहार समाज के विकास एवं कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं प्रस्तावित करना, इस समुदाय को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए स्थायी निवास उपलब्ध कराने तथा उनके लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करना होगा।
इस तरह होगा बोर्ड का गठन
प्रस्ताव में कहा गया है कि गाड़िया लोहार समाज के परम्परागत व्यवसाय के तौर-तरीकों में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुसार बदलाव, आर्थिक उन्नयन और रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ समुदाय में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार को सुझाव देने जैसे कार्य बोर्ड की ओर से किए जाएंगे। मुख्यमंत्री की ओर से गठित इस बोर्ड में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और 5 सदस्य सहित कुल 7 सदस्य होंगे। साथ ही सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इस बोर्ड का प्रशासनिक विभाग होगा।