कुमार गौरव, नई दिल्ली
BJP Election Strategy Latest Update: राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा जातीगत समीकरण को साधने में जुटी है। इस कड़ी में बड़े वोट बैंक वाले राजपूत वोटरों को लुभाने के लिए भाजपा इस जाति के बड़े-बड़े नेताओ को पार्टी में शामिल करवा रही है। साथ ही भाजपा यह भी संकेत दे रही है कि जातिगत आंकड़ों को दुरुस्त करने के लिए अभी जॉइनिंग का दौर शुरू ही हुआ है। अभी इस तरह की और भी जॉइनिंग होती रहेंगी।
2 राजपूत नेता भाजपा में शामिल हुए
विधानसभा चुनाव तारीख़ नजदीक आते ही भाजपा ने अपनी राजनीतिक शतरंज की बिसात पर जातिगत मोहरों को जमाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में भाजपा राज्य के मजबूत वोट बेस वाले कई राजपूतों नेताओं को साध रही है। प्रभावशाली राजपूतों को भाजपा में शामिल कराया जा रहा है। इसी रणनीति के तहत मंगलवार को मेवाड़ के बड़े राजपूत नेता विश्वराज सिंह मेवाड़ और भवानी सिंह कल्वे को भाजपा में शामिल कराया गया। विश्वराज सिंह महाराणा प्रताप के वंशज बताए जाते हैं, जबकि भवानी सिंह कलवे राजपूतों के बड़े संगठन करणी सेना से संबंधित हैं।
राजस्थान में 15 प्रतिशत राजपूत वोटर्स
जाहिर है कि दोनों का भाजपा के शामिल होना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। भाजपा ने संकेत दिया कि राजपूत समाज की सीधे तौर पर बात करें तो 100 से अधिक विधानसभा सीटों पर वह प्रभाव डालता है, जिसमें मेवाड़, हाड़ौती, जयपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, नागौर, जालौर, झुंझुनूं, सीकर सहित कई जिले शामिल हैं। विधानसभा की बात करें तो राजस्थान में राजपूत समाज 14 से 15 प्रतिशत के करीब हैं। ऐसे में वह विधानसभा में अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करता है।
राजपूतों की खुश करने की भाजपा की कवायद
ग़ौरतलब है कि राज्य में लंबे समय से कांग्रेस भाजपा पर राजपूत वोटरों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाती रही है। भाजपा पर भैरोसिंह शेखावत और जसवंत सिंह को भी नाराज करने का आरोप रहा है। भाजपा से नाराजगी की राजनीतिक वजह कुछ भी रही हो, लेकिन इस बार भाजपा राजपूतों को किसी भी सूरत में खुश करने की कवायद में जुट गई है। इसके लिए अभी से प्रयासों को तेज कर दिया गया है।










