क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से रातोंरात अमीर बनने का सपना दिखाकर एक 10वीं फेल ठग ने सैकड़ों लोगों के रुपए हड़प लिए। अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में रैकेट चला रहा था। दोनों आरोपी बड़े-बड़े शो आयोजित करते और एक रुपए के निवेश को 10 गुना करने का दावा करते थे। आरोपियों के जाल में फंसे लोगों को दुबई भी ले जाया गया। यहां इन्हें क्रूज पार्टी दी गई थी और महंगे होटलों में रुकवाया गया। इसी झांसे में किसी ने बेटी की शादी के लिए बचाए रुपए दे दिए तो किसी ने अपनी प्रॉपर्टी बेच दी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
दौसा के गीजगढ़ का रहने वाला आरोपी और उसकी गर्लफ्रेंड अलवर से पूरा नेटवर्क ऑपरेट करते थे। राजेश सैनी खुद को अलवर में डिजिटल कॉइन का डायरेक्टर बताता था। वो झांसा देता कि ये डिजिटल करेंसी कुछ टाइम बाद क्रिप्टोकरेंसी की तरह महंगी हो जाएगी। आरोपियों का शिकार होने वाले पीड़ितों को निवेश का रिटर्न नहीं मिला तो उन्होंने अलवर के कोतवाली थाना और एक पीड़ित ने अरावली विहार पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस पूरे मामले इसके बाद खुलासा हुआ।
6 महीने में निवेश दोगुना होने का लालच
आरोपी ने लोगों को फंसाने की शुरुआत अलवर के एक बीयर बार से की। ठगों ने सबसे पहले बार के मालिक प्रदीप सोलंकी को अपने प्लान का हिस्सा बनाया। फिर उसके कई बिजनेसमैन दोस्तों के साथ ही बार में आने वाले लोगों को मुनाफे का लालच देकर फंसाया। ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले प्रदीप सोलंकी ने बताया कि दोनों ठग (राजेश सैनी और हीना सैनी) अक्सर बार में आते थे। दोनों ने क्रिप्टोकरेंसी नेक्सा, BELOVW, BFIC, NRK के बारे में बताया। उन्होंने कहा था कि जितने भी कॉइन लेते हैं वो 6 महीने में डबल हो जाएंगे।
बीयर बार मालिक के 35 लाख हड़पे
आरोपियों ने दावा किया कि नीचे लोगों को जोड़ेंगे तो एक साल में 4 गुना मुनाफा हो जाएगा। ज्यादा लोगों को जोड़ा तो पैसे 10 गुना भी हो सकते हैं। झांसे में आकर प्रदीप सोलंकी ने 35 लाख रुपए का निवेश कर दिया। इसके अलावा अपने दोस्तों के भी लाखों रुपए निवेश करवाए। सभी को शुरुआत में 1 से 2 लाख का मुनाफा दिया। इससे उन पर विश्वास हो गया। इसके बाद और रुपयों का निवेश किया, लेकिन मुनाफा आना बंद हो गया। अब ठगों ने अपने मोबाइल नंबर भी बदल लिए हैं। उनसे संपर्क भी नहीं हो पाता।
दुबई में ऑफिस भी होने का दावा
प्रॉपर्टी डीलर पूनखर (अलवर) के रहने वाले रामकिशोर यादव ने बताया कि आरोपी मेरे पास प्लॉट लेने के बहाने आया था। तभी उसने मुझे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताया। उसने बताया इसमें 1 रुपए लगाने पर 10 रुपए का मुनाफा होता है। इसी चक्कर में आकर 7 लाख रुपए का निवेश कर दिया। इसके बाद आरोपी 2024 में अलवर से करीब 200 लोगों को लेकर दुबई गया था। पार्टी में अलवर, दौसा, जयपुर, एमपी, बिहार, यूपी, कोलकाता सहित पाकिस्तान के लोग भी थे। करीब चार दिन रमाडा होटल में रुकवाया। वहां क्रूज पर घुमाया। डांस पार्टी करवाई। वहां मीटिंग की, जिसमें क्रिप्टो के नाम पर अलग-अलग करेंसी में निवेश करने के फायदे बताए थे। वहां खुद का फर्जी ऑफिस भी दिखाया गया। वहां से आने पर जो भी पैसे लगे थे, वो देने से मना कर दिया। मेरा करीब 9 लाख और दोस्तों का 20 लाख का नुकसान हुआ।
ठगी का शिकार पीड़ित ने सुनाई आपबीती
ठगी का शिकार एक और पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने मुझे और मेरे दोस्तों को फंसाकर करीब 23 लाख रुपए लिए हैं। मेरे एक दोस्त की बेटी की शादी थी। वह भी इसके जाल में फंस गया और 8 लाख रुपए गंवा दिए। वह अपनी बेटी की भी शादी नहीं कर पाया। वहीं, एक और पीड़ित इमरत खान (अलवर) ने बेटी की शादी के लिए जमा हुए 7 लाख रुपए लगाए थे। उन्हें भी वापस नहीं मिल पाया। ठगों से अर्जुन सोलंकी (दिल्ली) ने 2 लाख रुपए की BELOW करेंसी खरीदी थी। उसे भी एक पैसा भी वापस नहीं मिला। वहीं, विपिन कुमार (दिल्ली) ने 2 लाख रुपए 2022 में लगाए थे। कोई पैसा वापस नहीं मिला। रामकिशोर यादव (अलवर) ने 9 लाख रुपए लगाए थे। उसे केवल ढाई लाख रुपए मिले थे। बाकी रुपए अबतक नहीं मिले।
पुष्पेंद्र पटेल (Alwar) ने 3 लाख रुपए 2022 में खर्च किए थे। उसे एक रुपया वापस नहीं मिला। मोनू सेन (Alwar) ने 1 लाख रुपए 2022 में लगाए थे। इसके अलावा विमल तिवारी (अलवर) 50 हजार रुपए लगाए थे। मोनू कालरा (Alwar) ने 2023 में करीब साढ़े 3 लाख रुपए लगाए थे। दिनेश किराड़ (Alwar) ने करीब 3 लाख रुपए निवेश किए थे। इनके अलावा अलवर के ही रहने वाले बृजेश सैनी और संगीता मीना ने भी 5 और 10 लाख रुपए निवेश किए थे।
किन लोगों ने दर्ज करवाया केस
अलवर के रहने वाले बृजेश सैनी, संगीता मीणा, आशीष, गौरव, प्रदीप कुमार सोलंकी और किशोर यादव ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक आरोपियों से पूछताछ नहीं हुई है।
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