मुरैना: मध्यप्रदेश में कई दिनों से बाढ़-बारिश ने तांडव मचा रखा है। लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के चलते नदी-नाले उफान पर आ गए। साथ ही कई बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया। बात करेंगे हम मुरैना जिले की जहां चंबल नदी ने आसपास के कई गांव अपने आगोश में ले लिए हैं। ग्रामीणों के बीच त्राहीमाम मच गया है। लोग घर से बेघर हो गए हैं। रातभर बीहड़ों में सोने को मजबूर हैं।
सीएम शिवराज करेंगे मुरैना आगमन, लेंगे बाढ़ का जायजा
बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुरैना में आई बाढ़ का हवाई अवलोकन करेंगे। दोपहर बाद उनके आने की प्रबल संभावना जताई जा रही है, जहां वह जिले के अंबाह क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांव में पीड़ितों से मिलने पहुंचेंगे। गौरतलब है कि मुरैना जिले के 2 सैकड़ा से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
चंबल की तलहटी के कई स्कूल,ग्राम पंचायत, भवन जलमग्न हो चुके हैं। जिले के राजघाट पर चंबल नदी का रौद्र रूप देखने को मिला है। सूचना के मुताबिक नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि नदी की तलहटी के कई ग्रामीणों ने बीहड़ों के ऊपर बैठकर रात बिताने को मजबूर हैं। सबलगढ़ के नरे का पुरा तथा पहाड़गढ़ के ग्रामीण भी टापू पर पहुंचे हैं।
जारी है रेस्क्यू
दरअसल, राजस्थान के कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से चंबल नदी उफान पर है। जिले के सबलगढ़ के एक दर्जन से अधिक गांव पानी से घिरे हुए हैं। सभी गांवों का सड़क से संपर्क टूट चुका है। ग्रामीणों को समझाकर रेसक्यू कर गांव को खाली कराया जा रहा है। पुलिस प्रशासन मौके पर मौजूद है, बाढ़ में फसे गांव के लोगों को स्ट्रीमर द्वारा रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया रहा है।