पंजाब सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ा फैसला किया है। सरकार अब किसानों की जमीन कब्जे में लेगी और फिर उसे डेवलेप करेगी। इसके बाद उसमें से कुछ जमीन किसानों को सौंप देगी। इसके बाद किसान जमीन को अपनी मर्जी से बेच सकेंगे। इसको लेकर सरकार में मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि आज का दिन पंजाब के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा, अर्बन इलाकों के किसानों के लिए सबसे खास होने वाला है। उन्होंने कहा कि लैंड पुलिंग के मुद्दे पर जो विपक्ष लोगों को गुमराह कर रही थी, ये लैंड पुलिंग पॉलिसी देश की सबसे अच्छी पॉलिसी है।
‘किसानों को पूरा फायदा दे रही सरकार’
उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी के तहत किसानों की मर्जी से जमीन ली जाएगी। पहले की सरकार जमीन माफिया को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसे नियम बनाते थे, जिससे सीधा फायदा बिल्डर को होता था। हमारी सरकार ने इसका पूरा फायदा किसानों को दे रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस पॉलिसी के तहत सरकार जमीन का विकास कर किसानों को वापस देगी। जैसे अगर किसान 15 एकड़ जमीन सरकार को देते हैं तो सरकार उसको डेवलप करके 5 एकड़ जमीन किसान को वापस कर देगी। किसान चाहिए तो खुद प्लॉटिंग करके पैसे कमाएं या किसी बिल्डर को दे दें। इस पॉलिसी के जरिए किसान को सीधा फायदा होगा।
पंजाब की यह लैंड पूलिंग नीति पूरे देश में एक ऐतिहासिक मॉडल है। इससे बेहतर नीति न तो आज तक किसी राज्य में बनी और न ही किसानों के हित में कोई सरकार इतनी ईमानदारी से खड़ी हुई।
---विज्ञापन---विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम कि ज़मीन ज़बरदस्ती एक्वायर की जाएगी — सिर्फ़ और सिर्फ़ झूठ है।
➡️ इस…— Neel Garg (@GargNeel) June 2, 2025
सरकार की नई नीति के तहत, किसान स्वेच्छा से अपनी जमीन विकास के लिए दे सकते हैं और एक एकड़ जमीन के बदले में एक आवासीय भूखंड और एक व्यावसायिक साइट प्राप्त कर सकते हैं। पंजाब के अक्षय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि नीति पूरी तरह से स्वैच्छिक है, जिसमें किसी तरह की जबरदस्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “यह पहल शुरू में राज्य भर के 27 शहरों में शुरू की जाएगी।”
किसानों के पास खुद जमीन विकसित करने के अलावा निजी डेवलपर्स या सरकारी एजेंसियों को सौंपने का विकल्प होगा। पूल की गई जमीन का एक तिहाई हिस्सा मालिक को वापस कर दिया जाएगा।