शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों का धरना एक साल के बाद खत्म हो गया है। पंजाब पुलिस ने एक साल से धरने पर बैठे किसानों के खिलाफ एक्शन लेते हुए उन्हें विरोध स्थलों से हटा दिया। इसके लिए पुलिस ने बुलडोजर का सहारा लिया और सभी टेंटों को उखाड़ दिया। अब 13 महीनों के बाद शंभू बॉर्डर खुल गया है और पंजाब के बाद हरियाणा ने भी अपने रास्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। अब इसके पीछे की वजह भी जान लेते हैं कि आखिर एक साल बाद क्यों किसानों से धरने से हटाया गया और बुलडोजर चलाने की नौबत?
1. अरविंद केजरीवाल का पंजाब दौरा
अरविंद केजरीवाल का इस हफ्ते पंजाब दौरे पर थे। ऐसे में कहीं धरने का उस पर गलत इफेक्ट न पड़े इसके लिए भी एक साल से धरने पर बैठे किसानों को पंजाब पुलिस के द्वारा विरोध स्थलों से हटा दिया गया। पंजाब की दो सीमाओं पर पिछले एक साल से अधिक समय से धरना-प्रदर्शन चल रहा था जिसकी वजह से आवाजाही से लेकर कई अन्य दिक्कतें आ रही थी।
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2. लुधियाना के उद्योगपतियों से आम आदमी कनेक्शन
इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर किसानों के धरने से कहीं न कहीं उद्योगपतियों को भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था। विरोध प्रदर्शन से कारोबारियों के कारोबार को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा था। एक साल से किसानों के धरने से शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन से ट्रकों की आवाजाही नहीं हो पा रही थी। ये एक बड़ी वजह है बॉर्डर पर बुलडोजर चलने का कारण।
3. लुधियाना उपचुनाव
अरविंद केजरीवाल का पंजाब का दौरा हो या फिर बिजनेसमैन के कारोबार पर इफेक्ट। इसके अलावा शंभू बॉर्डर पर लगे विरोध प्रदर्शन को हटाने के पीछे का एक और कारण लुधियाना उपचुनाव भी है। किसानों का विरोध प्रदर्शन कहीं न कहीं वोटों पर असर डालता। यही वजह है कि रातों रात बॉर्डर पर बुलडोजर चला दिया।
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