Golden Temple Langar Scam, अमृतसर: दुनिया की सबसे बड़ी रसोई से जुड़े घोटाले में सस्पेंड चल रहे 51 लोगों में से 23 जल्द ही बहाल हो सकते हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की तरफ से गठित सब कमेटी ने मंगलवार को अपनी पहली रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि इस रिपोर्ट में इंस्पेक्टर लेवल के इन 23 लोगों को लापरवाही का दोषी पाया गया है। अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि चल रही जांच में और क्या निकलकर आता है और SGPC अध्यक्ष का अंतिम फैसला क्या होगा।
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शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से गठित सब कमेटी ने मंगलवार को इंटरनल कमेटी को सौंपी अपनी पहली रिपोर्ट
ऐसे समझें पूरे मामले को
गौरतलब है कि बीते दिनों गुरु नगरी अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर में लगभग 1 करोड़ रुपए के घोटाले की बातें सामने आई थी। इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के फ्लाइंग विभाग ने जांच की तो 18 के करीब मैनेजर, स्टोर-कीपर, सुपरवाइजर, इंस्पेक्टर आदि इस नुकसान के लिए जिम्मेदार मिले। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 से दिसंबर 2022 के बीच सूखी रोटियों की खरीद, जूठ के ठेके और चढ़ावे और चावलों आदि में यह घोटाला सामने आया था। शुरुआती जांच में 25 लाख का घपला बताया जा रहा था। बाद में यह 62 लाख बताया गया और फिर घोटाले की रकम बढ़कर 1 करोड़ तक पहुंच गई। आरोपियों की संख्या भी बढ़ी।
इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 2 स्टोर कीपर, 9 मैनेजर, 6 सुपरवाइजर और 34 इंस्पेक्टर समेत 51 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था। इसी के साथ मामले की जांच का क्रम जारी है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की तरफ से एक सब कमेटी का गठन भी किया गया है। कमेटी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कायमपुर, महासचिव भाई गुरचरण सिंह ग्रेवाल, आंतरिक समिति के सदस्य सुरजीत सिंह तुगलवाल, शेर सिंह मंडवाला और बाबा गुरप्रीत सिंह रंधावा शामिल हैं।
क्या कहा सब कमेटी के मेंबर और SGPC अध्यक्ष ने
मंगलवार को घोटाले की जांच कर रही सब कमेटी ने अपनी पहली रिपोर्ट इंटरनल कमेटी को सौंपी है। इसकी पुष्टि करते हुए कमेटी के सदस्य बाबा गुरप्रीत सिंह रंधावा ने कहा कि सब कमेटी लंगर में हुए घोटाले की गहनता से जांच कर रही है। इंटरनल कमेटी को सौंपी गई पहली रिपोर्ट में 23 गुरुद्वारा इंस्पेक्टर सीधे तौर पर घोटाले में शामिल नहीं मिले, लेकिन कर्तव्य में लापरवाही उन्होंने भी बरती है। आने वाले समय में और भी बैठकें होंगी। पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसी रिपोर्ट पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी का फैसला अंतिम होगा। दूसरी ओर धामी ने कहा कि सब कमेटीकी रिपोर्ट मिल गई है। उप समिति ने गहनता से जांच की है, उप समिति सिफारिशों पर जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
ये है हरिमंदिर साहिब के लंगर की खासियत
यहां उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि हरिमंदिर साहिब के विशाल परिसर में मौजूद गुरु रामदास लंगर ‘किचन मैनेजमेंट और हॉस्पिटेलिटी’ विश्व विख्यात है। दुनिया की इस सबसे बड़ी रसोई में आम दिनों में यहां साठ से सत्तर हजार तो त्योहारों और छुट्टी के दिनों में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों के लिए भोजन बनता है। 24 घंटे चलने वाले इस लंगर में दाल, सब्जी, चावल, रोटी, सलाद और मीठा भी परोसा जाता है। खाने का स्वाद भी लजीज होता है। लंगर में रोज 20 क्विंटल दाल, सब्जियां, 12 क्विंटल चावल, 70 क्विंटल आटा लगता है। 500 किलो देसी घी इस्तेमाल होता है। सौ गैस सिलेंडर, 500 किलो लकड़ी की खपत होती है। जहां तक इसके लिए फंडिंग की बात है, दुनियाभर में बसे लाखों सिख परिवार अपनी कमाई का दसवां भाग गुरुद्वारों की सेवा में अर्पित करते हैं। इन्हीं पैसों से गुरुद्वारों की प्रबंध और लंगर का खर्च चलता है।