चंडीगढ़: भारतीय जनता पार्टी (BJP) मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ कसता जा रहा शिकंजा ढीला होता नजर नहीं आ रहा। पहले से एक मामले में कोर्ट की तरफ से अरेस्ट वारंट जारी हो चुके हैं और टीमें लगातार मनप्रीत की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं, वहीं अब एक और नया पंगा पड़ गया। दरअसल, कोविड महामारी के दौरान शहर के एक मेरिटोरियस स्कूल में एक सोसायटी द्वारा खोले गए मुफ्त कोविड सेंटर के लिए खरीदी और दान की गई वस्तुओं की जांच शुरू की गई थी। इसके लिए डीसी ने सिविल सर्जन तेजवंत सिंह, रेडक्रॉस सचिव, लघु बचत पदाधिकारी के नाम पर एक कमेटी बनायी है।
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मनप्रीत बादल के एक रिश्तेदार ने सोसायटी बनाकर मेरिटोरियस स्कूल में खोला था मुफ्त कोविड सेंटर; प्ऊंडिंग को लेकर उठे सवाल
आपको बता दें कि मनप्रीत बादल के एक रिश्तेदार ने एक सोसायटी बनाकर मेरिटोरियस स्कूल में मुफ्त कोविड सेंटर खोला था। पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत ने इस सोसायटी के लिए लाखों रुपये की ग्रांट जारी की थी। इस संबंध में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने वायरल पोस्ट में गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले की जांच का क्रम पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की परेशानियों को और बढ़ाने वाला रहेगा।
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‘कमेटी की रिपोर्ट के बाद होगी कार्रवाई’
डीसी शौकत अहमद पारे ने कहा कि मुफ्त केंद्र के लिए खरीदे गये सामान के खर्च और दान किये गये पैसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। तीन सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मनप्रीत बादल के रिश्तेदार ने कोविड महामारी के दौरान लोगों के मुफ्त इलाज के लिए एक कांग्रेस नेता के साथ मिलकर एक सोसायटी बनाई थी. जिसके तहत उन्होंने मेरिटोरियस स्कूल में एक सेंटर खोला। इस सेंटर को चलाने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने अपने कोटे से अपने रिश्तेदारों की सोसायटी को लाखों रुपये की ग्रांट जारी की।
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सामाजिक कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर लगाया आरोप
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया था कि शहर में बड़ी संख्या में लोगों ने केंद्र में आने वाले मरीजों के लिए भोजन, फल और अन्य सेवाओं के लिए पैसे दान किए थे। भारी दान के बावजूद लाखों रुपये खर्च किये गये। पोस्ट सामने आने के बाद डीसी शौकत अहमद पारे ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
सतर्कता पर टारगेट पर निःशुल्क कोविड सेंटर
उधर, नि:शुल्क कोविड सेंटर के नाम पर सोसायटी को जारी अनुदान की भी जांच विजिलेंस ने शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि विजिलेंस पूरा रिकॉर्ड जुटा रही है। अगर अनियमितता पाई गई तो पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के रिश्तेदारों समेत अन्य लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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