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पंजाब में राशन कार्ड की जगह अब Smart Card से मिलेगा लोगों को अनाज, जानिए इसके फायदे

Ration Card Hassles Over In Punjab: प्रदेश में 14 हजार डिपो होल्डर हैं और इन्हीं से 40 लाख परिवारों को एनएफएसए के तहत राशन जारी किया जाता है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Dec 16, 2024 13:51
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Ration Card Hassles Over In Punjab
Ration Card Hassles Over In Punjab

Ration Card Hassles Over In Punjab: पंजाब की भगवंत मान सरकार लगातार विकास कार्यों को करने में जुटी हुई है। इसी के तहत पंजाब में नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट (National Food Security Act) के तहत लाभ लेने के लिए अब लोगों को राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड से ही राशन मिलेगा।

पंजाब सरकार 40 लाख लाभार्थियों के चिप आधारित स्मार्ट कार्ड बना रही है, जिसका प्रोसेस शुरू किया गया है। पीओएस मशीन पर टच करते ही लाभार्थी परिवार की पूरी डिटेल निकल आएगी और उसे राशन जारी कर दिया जाएगा। विभाग ने इस नए सिस्टम के लिए 14,400 पीओएस मशीनों की भी व्यवस्था कर दी है।

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इससे सार्वजनिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत करने में मदद मिलेगी, वहीं डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में तेजी भी आएगी। इसी तरह फर्जी लाभार्थियों की पहचान करने में भी मदद मिलेगी, क्योंकि विभाग के पास रियल टाइम डाटा अपडेट रहेगा। प्रदेश में 14 हजार डिपो होल्डर हैं और इन्हीं से 40 लाख परिवारों को एनएफएसए के तहत राशन जारी किया जाता है।

हर एक लाभार्थी परिवार के एक सदस्य को 5 किलो गेहूं प्रति माह जारी किया जाता है। अगर परिवार में चार सदस्य हैं तो तीन महीने का 60 किलो गेहूं लाभार्थी परिवार को जारी किया जाता है। तीन महीने का गेहूं एक साथ ही दिया जाता है। जैसे अब अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए जारी किया जाएगा।

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फिलहाल मौजूदा सिस्टम के तहत लाभार्थी के लिए राशन कार्ड लाना कंपलसरी होता है। इसके अलावा उसे अपना आधार कार्ड भी दिखाना होता है, जिसके बाद अंगूठा लगाकर संबंधित डिपो से उसे राशन जारी किया जाता है। इसमें काफी समय भी लगता है। नए सिस्टम से यह पुरानी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और लाभार्थियों की परेशानी भी दूर होगी।

स्मार्ट कार्ड बनाने की तैयारी शुरू 

प्रदेश के फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट की तरफ से इस काम के लिए एजेंसी हायर की जा रही है। एजेंसी की तरफ से 40 लाख स्मार्ट कार्ड बनाने व उनकी डिलीवरी का पूरा किया जाएगा। इस संबंध में विभाग ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RPF) भी जारी कर दिया है। एजेंसी फाइनल करते ही कार्ड बनाने का प्रोसेस शुरू कर दिया जाएगा।

इनके संचालन व देखरेख का काम भी संबंधित एजेंसी की तरफ से ही किया जाएगा। इस सिस्टम से लाभार्थियों का पूरा डाटा ऑनलाइन रहेगा। इसमें फर्जी लाभार्थियों की जल्दी पहचान की जा सकेगी। इसके अलावा डिपो होल्डरों की तरफ से भी अगर किसी भी तरह कोई धांधली की जाएगी, वह ऑनलाइन सिस्टम के कारण विभाग की पकड़ में आ जाएगी।

33% कार्ड 6 सप्ताह के अंदर होंगे रेडी

विभाग की तरफ से साफ किया गया है कि छह सप्ताह के अंदर 33% कार्ड तैयार हो जाएंगे और लोगों को इनकी डिलीवरी भी कर दी जाएगी। इसी तरह 66% कार्ड 9 सप्ताह के अंदर तैयार करके डिलीवर किए जाएंगे। पूरे 100% कार्ड 12 सप्ताह के अंदर लाभार्थियों को प्रदान कर दिए जाएंगे।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Dec 16, 2024 01:43 PM

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