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पंजाब

पंजाब में AAP को बड़ा झटका, 2 नेताओं ने पार्टी से दिया इस्तीफा

पंजाब सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी अब गंभीर सियासी मुद्दा बन गई है। किसानों के विरोध के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया है। मोगा जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष हरमनदीप सिंह दीदारेवाला और सीएम मान के पूर्व OSD ओंकार सिंह सिद्धू ने इस्तीफा देकर दिल्ली नेतृत्व को निशाने पर लिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Aug 5, 2025 08:34
Bhagwant Singh Mann
भगवंत सिंह मान (फोटो सोर्स- ANI )

पंजाब सरकार द्वारा लागू की जा रही लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। किसानों और विरोध दल के नेताओं के विरोध के बाद अब आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने भी अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई है और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। मोगा जिला योजना बोर्ड के अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला प्रधान हरमनदीप सिंह दीदारेवाला ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

सीएम मान के पूर्व OSD ने किया विरोध

वहीं सीएम मान के पूर्व OSD ओंकार सिंह सिद्धू ने भी लैंड पूलिंग पॉलिसी का विरोध करते हुए दिल्ली नेतृत्व को निशाना बनाते हुए पोस्ट लिखी है। सिद्धू ने लिखा, “जो पार्टी खुद को किसानों की हितैषी कहती है और एमएसपी देने के वादे करके सरकार बनाती है, वही आम आदमी पार्टी अब किसानों की जमीनें छीनने वाली नीतियां बना रही है। यह बात भी स्पष्ट है कि यह नीति दिल्ली वालों ने अपने निजी फायदे के लिए बनाई है।”

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उन्होंने आगे लिखा कि इतिहास गवाह है कि पंजाब के लोगों ने कभी भी दिल्ली की मनमर्जी को नहीं माना और न ही अब मानेंगे। सुनाम में हुई रैली के दौरान केजरीवाल के भाषण के वक्त लोगों का उठकर चले जाना इस बात का सबूत है कि पंजाब की जनता दिल्ली की नेतृत्व से नाराज़ है। इसके साथ ही ओंकार सिंह सिद्धू ने पंजाब लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 का विरोध किया और कहा कि यह सिर्फ किसानों की नहीं, पूरे पंजाब की लड़ाई है।

CM के चचेरे भाई ने जताया विरोध

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री भगवंत मान के चचेरे भाई ज्ञान सिंह मान ने भी इस पॉलिसी का विरोध किया। ज्ञान सिंह मान ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जिस प्रकार कुर्बानी विरोधी कानून को जनता की राय जानने के लिए समीक्षा हेतु स्थायी समिति के पास भेजा गया है, उसी प्रकार लैंड पूलिंग बिल को लागू करने से पहले भूमि धारकों और किसानों की राय ली जानी चाहिए, ताकि गुरुओं और पीरों की धरती पंजाब निरंतर प्रगति और खुशहाली की ओर अग्रसर रहे और आबाद रहे।”

इसके अलावा लुधियाना, संगरूर, धुरी, अमृतसर समेत कई जगहों पर पार्टी के नेता इस बिल पर पुनर्विचार करने की बात कर रहे

First published on: Aug 05, 2025 08:34 AM

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