Punjab CM Bhagwant Mann: पंजाब के राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान बीते दिन पंजाब राजभवन में आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में शामिल हुए। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यपाल गुलाब चन्द कटारिया ने चंडीगढ़ में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए काम को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की तारीफ की है। इस सम्मेलन में सीएम भगवंत मान ने राज्य की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई ऐलान किए हैं।
सीएम भगवंत मान का संबोधन
पंजाब राजभवन में कुलपतियों के सम्मेलन के दौरान सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस छत के नीचे बैठे सभी शिक्षाविद् अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और ईमानदारी के कारण उपलब्धियां हासिल करने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन आप जैसे और अधिक रत्न पैदा करने का दायित्व पूरी तरह से आपके कंधों पर है।
राज्यपाल की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के पास 40 विश्वविद्यालय हैं और यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि इन विश्वविद्यालयों के कुलपति इस सम्मेलन में एकत्रित हुए हैं। उन्होंने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया की सराहना की, जो राज्य में उच्च शिक्षा के मानक को और बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
यूनिवर्सिटी दाखिलों में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दो बड़ी यूनिवर्सिटी हैं, जिनमें 40 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पिछली सरकारों की प्रतिगामी नीतियों के कारण इन यूनिवर्सिटी में राज्य के विद्यार्थियों की संख्या कम थी। हालांकि, भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के कारण विदेश जाने का चलन खत्म हुआ है और अब राज्य के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में दाखिलों के लिए छात्रों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।
भविष्य के बिजनेस लीडर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शैक्षणिक संस्थान विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे से लैस हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के 43 सरकारी कॉलेजों को NAAC से मान्यता प्राप्त है और तीन कॉलेजों को A ग्रेड मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूली व्यवस्था में करियर मार्गदर्शन पर पहले ही बहुत ज़ोर दिया है। इसी तरह भगवंत सिंह मान ने कहा कि भविष्य के बिजनेस लीडर तैयार करने के लिए राज्य के स्कूलों में बिजनेस ब्लास्टर योजना पहले से ही अच्छी तरह काम कर रही है।
विश्वविद्यालयों में पढ़ाई को बढ़ावा
मुख्यमंत्री और राज्य सरकार ने पुस्तकालयों को एसी सुविधाओं केसाथ इंटरनेट के साथ-साथ पाठ्यक्रम और अन्य पुस्तकों से अपडेट किया है। उन्होंने कहा कि पीएयू के कुलपति विश्व स्तर पर टिशू कल्चर के प्रसिद्ध विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि अब राजनीतिक संबद्धता के बजाय, महान शिक्षाविदों को विश्वविद्यालयों के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई को बढ़ावा देना है ताकि छात्रों को इसका भरपूर लाभ मिल सके।
Today, Participated in a conference at Punjab Raj Bhawan, Chandigarh, attended by Vice Chancellors, Directors, and representatives from state universities, in the presence of Hon’ble Governor Mr. Gulab Chand Kataria ji.
The efforts being made by these institutions to elevate… pic.twitter.com/iWJSRU2Bdr
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) October 11, 2024
सड़कों का नेटवर्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चार विभागों कृषि, शिक्षा, वित्त और पुलिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लागू करने पर विचार कर रही है, ताकि बेहतर नतीजे मिल सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही सड़कों की मरम्मत के लिए माप में एआई लागू कर चुकी है और नतीजे चौंकाने वाले रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह स्थापित हो चुका है कि करीब चार हजार किलोमीटर सड़कों का नेटवर्क पहले से ही कागजों पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर तकनीक के अपने फायदे और नुकसान होते हैं, लेकिन विश्वविद्यालयों को एआई आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को उनके ग्रेड के बजाय उनकी योग्यता के आधार पर परखा जाना चाहिए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब दुनिया भर में एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसका मताधिकार दुनिया भर में है, जबकि पंजाबियों का हर देश में दबदबा है।
पंजाबियों में होते है कड़े मेहनत
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाबियों में कड़ी मेहनत करने और आगे बढ़ने की अदम्य भावना है, जिसके कारण उन्होंने दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि बोइंग में पांच प्रतिशत इंजीनियर जीएनई लुधियाना से हैं। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट, ओला, मास्टरकार्ड और अन्य कंपनियों के सीईओ भी पंजाबी हैं। कौशल विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान के बीच सही संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इन विद्यार्थियों में अपार क्षमताएं और योग्यताएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनकी असीम ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने और उन्हें देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भागीदार बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब ये युवा देश के लिए सफलता की नई कहानी लिखेंगे।
हर क्षेत्र में आगे बढ़ें नौजवान
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नौजवानों में हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के गुण हैं। उन्होंने कहा कि ये विद्यार्थी विमान हैं और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए लॉन्चपैड मुहैया कराएगी। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक पंजाब के विद्यार्थी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
इस बीच, अपने संबोधन में पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने पंजाब को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय नेता बनाने के विजन के साथ एनईपी सम्मेलन का समापन किया। अपने भाषण में राज्यपाल ने सम्मेलन की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की, मुख्यमंत्री की सक्रिय भागीदारी और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि की सराहना की और शिक्षा मंत्री को उनके अनुभव के योगदान के लिए धन्यवाद दिया। पंजाब के मजबूत शैक्षिक बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने इस बात पर जोर दिया कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में देश का नेतृत्व करने की क्षमता है।
पंजाब की शिक्षा प्रणाली
उन्होंने राज्य सरकार से शैक्षणिक संस्थानों को मजबूत समर्थन देने और शोध एवं नवाचार को आगे बढ़ाने में उनका समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से हम पंजाब की शिक्षा प्रणाली को उन्नत कर सकते हैं और इसे राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित कर सकते हैं। राज्यपाल ने पंजाब को उच्च शिक्षा के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने के लिए किए जा रहे उत्साहजनक प्रयासों की भी सराहना की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी शैक्षणिक संस्थानों से केंद्र सरकार की योजनाओं और निधियों का अधिकतम उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन संसाधनों का लाभ उठाकर संस्थान बुनियादी ढांचे को बढ़ा सकते हैं, शिक्षण गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और पहुंच को व्यापक बना सकते हैं, जिससे हमारे छात्रों को दीर्घकालिक लाभ मिल सकता है।
शिक्षा में निवेश बढ़ाने की जरुरत
अपने संबोधन में राज्यपाल ने शिक्षा में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया और इस क्षेत्र को सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत आवंटित करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि चीन जैसे देश शिक्षा क्रांति के जरिए से वैश्विक शक्तियों के रूप में उभरे हैं। हमारे पास भी अपार प्रतिभा है और हमें अपने युवाओं के कौशल को निखारने पर फोकस करना चाहिए।
उन्होंने NAAC ग्रेडिंग सिस्टम में आने वाले सुधारों पर भी चर्चा की, जहां छात्रों की अपने संस्थानों के मूल्यांकन में बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि यह बदलाव छात्रों को सशक्त बनाएगा और हमारी शिक्षा प्रणाली में जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।