पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए ‘शिक्षा क्रांति’ की शुरुआत की है। मान सरकार द्वारा आज से 54 दिवसीय शिक्षा महोत्सव ‘शिक्षा क्रांति’ की शुरुआत हो गई है। इस ‘शिक्षा क्रांति’ के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसको लेकर जानकारी दी। साथ ही इस दौरान सीएम मान ने पंजाब की पिछली सरकार पर जमकर हमला किया।
‘शिक्षा क्रांति’ के तहत पंजाब के स्कूलों में हुए कायाकल्प का साक्षी बनने के लिए आज मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जी के साथ पंजाब नवांशहर के एक सरकारी स्कूल में जाने का अवसर मिला।
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— Manish Sisodia (@msisodia) April 7, 2025
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सीएम मान का पिछली सरकार पर हमला
सीएम मान ने कहा कि पिछली सरकारों में पंजाब के स्कूल बस मीड डे मील सेंटर बनकर रह गए थे। उन सरकारों का कहना था कि बच्चे स्कूल में कॉपी- किताब भले भूल जाएं, मगर काउली चमच मत भूलना। पहले PTM शिकायतों के लिए होती थीं, अब माता-पिता बच्चों की शिक्षा को लेकर बातचीत करने आते हैं। अब पंजाब में ऐसे स्कूल हैं, जिन्हें देखकर मेरा दोबारा से पढ़ाई करने का मन करता है। मैं कहता हूं, मुझे भी दाख़िला दे दो। उन्होंने स्कूल के बच्चों को राजनीति में दिलचस्पी रखने के लिए कहा। क्योंकि अगर आप अच्छे लोगों को चुनकर भेजोगे, तो अच्छा काम होगा।
युवाओं को 54003 नौकरियां दी
नशे को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर पुलिसकर्मियों की बदलियां की गई हैं। उन्होंने कहा कि वह 54003 नौकरियां देकर खड़े हैं। उन्होंने बहुत मेहनत की, जिसके बाद पंजाब में तरक्की का सूरज निकला है। पहले क्या होता था, लोग रैलियों के लिए नेताओं के बच्चों या सिफारिश से लोगों को नौकरी देते थे। इन नेताओं के बच्चे, जीजा, साले और उनके घर वाले बड़ी-बड़ी गाड़ियों के काफिले में निकल जाते थे। अब्दुल कलाम जी के नाम से ब्लॉक बनाया गया है, उनके विचार स्कूल में लिखे जाएं।
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नशे के खिलाफ प्रस्ताव
पंजाब में अब शिक्षा क्रांति और नशों के खिलाफ खड़े हुए हैं। ये काम 15-20 दिन नहीं चलेगा, नशे पर कार्यवाही लंबी चलेगी। पंचायतों ने नशे के खिलाफ प्रस्ताव डाले हैं। 3 साल से नशे को लेकर काम कर रहे थे, पहले OTS सेंटर ठीक किए, ताकि नशा लेने वालों को अच्छा इलाज दिया जा सके।