मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने अनुसूचित जाति समुदाय को कानून अधिकारियों के रूप में संविदा पर भर्ती में उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए अध्यादेश जारी करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके आधिकारिक आवास पर आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि कैबिनेट ने पंजाब लॉ ऑफिसर्स (एंगेजमेंट) एक्ट, 2017 में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी दी है। इस संशोधन का उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदाय के उम्मीदवारों को एजी कार्यालय, पंजाब में संविदा आधारित कानून अधिकारियों के रूप में नियुक्ति के लिए आय मानदंडों में छूट देना है, जिससे इस समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
इंप्रूवमेंट ट्रस्टों के आवंटियों को एकमुश्त राहत
एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में कैबिनेट ने राज्य के इंप्रूवमेंट ट्रस्टों के आवंटियों को गैर-निर्माण शुल्क और बकाया आवंटन राशि के संबंध में एकमुश्त राहत (O.T.R.) देने की नीति को मंजूरी दी है। इससे आवंटियों को बड़ा फायदा मिलेगा क्योंकि उनका ब्याज माफ किया जाएगा।
ब्लॉकों के पुनर्गठन को मंजूरी
राज्य में प्रशासनिक दक्षता, भौगोलिक पहुंच बढ़ाने, व्यवस्थागत खर्चों में कटौती और विधायी समन्वय बनाए रखने के उद्देश्य से कैबिनेट ने मौजूदा ब्लॉकों के पुनर्गठन और तर्कसंगत निर्माण को हरी झंडी दे दी है। वर्तमान में पंजाब में कुल 154 ब्लॉक हैं, लेकिन कई स्थानों पर अस्पष्टता के चलते प्रशासन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह कदम बेहतर प्रशासन के लिए जरूरी बताया गया है।
मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई गई
कैबिनेट ने मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के तहत आने वाले मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों और प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दिया है। इससे मेडिकल कॉलेजों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में सहायता मिलेगी और छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
आवश्यकता पड़ने पर सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएंगी
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए कैबिनेट ने जनहित में सेवानिवृत्त डॉक्टरों की सेवाएं पुनः लेने की अनुमति दे दी है। यह सेवाएं आवश्यकता के अनुसार वार्षिक आधार पर ली जाएंगी।