पंजाब के पटियाला शहर में पंजाब पुलिस के कर्मियों पर कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ मारपीट करने के आरोप लगे थे। अब हमले को लेकर पश्चिमी कमान मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल मोहित वाधवा की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि मैं आप सबको 13 मार्च की रात को हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में बता रहा हूं। भारतीय सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे पर पटियाला में एक ढाबे के बाहर पंजाब के पुलिसकर्मियों ने हमला किया था। ANI की रिपोर्ट के अनुसार वाधवा ने कहा कि सैन्य अधिकारी को चोटें लगने के बाद सिविल अस्पताल से सैन्य अस्पताल में रेफर किया गया था।
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इसके बाद उनको चंडीमंदिर में कमांड अस्पताल में दाखिल किया गया, जहां हालत में सुधार हो रहा है। पंजाब पुलिस ने अपने कर्मियों की इस हरकत पर खेद व्यक्त किया है। हमले में शामिल पुलिसकर्मियों की पहचान के बाद उनको सस्पेंड किया गया है। कई पुलिसकर्मियों को पटियाला जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है। कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ की शिकायत पर सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।
एडीजीपी कर रहे जांच
मामले की जांच अब अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में विशेष जांच दल द्वारा की जा रही है। पुलिस ने भरोसा दिया है कि जल्द से जल्द जांच पूरी की जाएगी। पंजाब पुलिस दोषी कर्मियों को दंडित करने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से जांच करेगी। घटना को बहुत गंभीरता से लिया गया है। पंजाब पुलिस ने इस मामले में माफी मांगी है और 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है।
#WATCH | Chandigarh: On Colonel Pushpinder Singh Bath assaulted by Punjab Police personnel in Patiala, Lt Gen Mohit Wadhwa, Chief of Staff, HQ Western Command says, “…I am addressing you all about the unfortunate incident on the night of 13th March wherein a serving Colonel… pic.twitter.com/NHulSx3Z0g
— ANI (@ANI) March 25, 2025
हाई कोर्ट में दायर हुई है याचिका
बता दें कि मामले में कर्नल पुष्पिंदर सिंह ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट भी याचिका दायर की है। पुष्पिंदर सिंह ने कहा कि वे सर्विंग आर्मी कर्नल हैं और बेहद संवेदनशील पद पर तैनात हैं। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस से सख्त लहजे में सवाल किया था कि क्या आपको पीटने का लाइसेंस मिला हुआ है? उस अफसर का नाम न्यायालय को बताएं, जिसने शिकायत के बाद भी एक्शन नहीं लिया। मामले में कोर्ट ने यह भी पूछा था कि 8 दिन तक एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
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