विशाल अंगरीश, अटारी बॉर्डर, अमृतसर
इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को लेकर दोनों देशों की सरहद भी जुदाई की सरहद बन गई है। दरअसल दोनों देशों ने ही एक दूसरे देश के नागरिकों को देश छोड़कर जाने का आदेश दे दिया है जिसको लेकर दोनों देशों के नागरिकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है। अपनों से बिछड़ने की जुदाई बर्दाश्त नहीं हो रही है ऐसा ही हाल अमृतसर अटारी बॉर्डर के ऊपर देखने को मिल रहा है। जहां से पाकिस्तान से भारत आने वाले भारतीय नागरिक और भारत से पाकिस्तान जाने वाले पाकिस्तानी नागरिक अपनों से बिछड़ने का गम बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उनकी आंखों से जुदाई की धारा भी बहने लगी है क्योंकि किसी भारतीय महिला की शादी पाकिस्तान में हुई है तो उसका पासपोर्ट भारतीय है अब वह पाकिस्तान नहीं जा सकेगी। इस तरह का हाल छोटे बच्चों का भी है और वहीं पर जो पाकिस्तानी महिलाएं है उनकी भी शादी भारत में हुई है उनके पास पासपोर्ट पाकिस्तान का है।
बच्चों को नहीं पता क्यों छोड़ रहे देश
ऐसा ही हाल पुरुषों का भी है जो सरहद पर एक दूसरे को जाते हुए देख रहे है। उनके प्यार के बीच अब सरहद पर बी एस एफ और पाकिस्तानी रेंजर्स आ गए है जो उनको अपने-अपने शहरों या गांवों के लिए रवाना कर रहे है। जबकि बच्चों को तो सरहद के मायने ही नहीं पता कि वो किन कारणों से छोड़ कर एक दूसरे से जुदा हो रहे है। दिल्ली की रहने वाली एक महिला की शादी पाकिस्तान के कराची में हुई। उसका पासपोर्ट भारतीय है और उसके बच्चे का पासपोर्ट पाकिस्तानी अब उसको बच्चे से बिछड़ जाने का गम सता रहा है। किस तरह वह अपने जिगर के टुकड़े को अकेले भेज दे। इस तरह की महिलाओं की मानसिक पीड़ा का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
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पाकिस्तान से 15 वर्ष के बाद नजमा अपने भाई से मिलने के लिए भारत आई थी। पांच दिन बाद ही अब उसको पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है। वह पहलगाम की घटना के दोषियों को बददुआ देती हुई सरहद पार कर गई। इसके साथ ही कई लोगों ने आतंकियों को खरी खोटी सुनाते हुए उनको इंसानियत का दुश्मन करार दिया और सख्त सजा की मांग भी की।
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