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पंजाब

पत्नी के होते हुए गैर महिला संग लिव इन में रहना सही या गलत, पढ़ें पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट का फैसला

High Court Rejected The Petition For Security: कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी शादी या महिला के साथ रहना अपराध की श्रेणी में आता है। जो IPC की धारा 494-495 के तहत अपराध होता है।

Author Edited By : Swati Pandey Updated: Nov 13, 2023 20:49

High Court Rejected The Petition For Security:  पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने लिव-इन में रह रहे जोड़े को पुलिस सुरक्षा देने की मांग को खारिज कर दिया। इस मामलें में कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी महिला के साथ लिव-इन में रहना अपराध की श्रेणी IPC की धारा 494-495 के अंतर्गत आता है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस कुलदीप तिवारी कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक पुरुष पहले ही किसी महिला के साथ शादी कर चुका है और इसके बाद भी वह किसी अन्य महिला के साथ लिव-इन में रह रहा है।

बिना तलाक दिए दूसरी महिला के साथ रहना अपराध

कोर्ट ने कहा कि पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी शादी या महिला के साथ रहना अपराध की श्रेणी में आता है। जो IPC की धारा 494-495 के तहत अपराध होता है। ऐसे में व्यक्ति की तरफ से सुरक्षा की मांग करने को कोर्ट ने खारिज कर दी।

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आपको बता दे कि द्विविवाह IPC की धारा 494 के तहत अपराध है और इसके तहत अधिकतम 7 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इस मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि पुरुष और उसकी पत्नी के बीच तलाक का मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा है। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी मांग को लेकर उच्च न्यायालय में अर्जी लगाई थी।

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पहली पत्नी के परिजन ने दी मारने की धमकी

कोर्ट ने बताया था कि युवक के परिजन ने युवक के साथ दूसरी महिला के रिश्ते को स्वीकार कर लिया है। वहीं पुरुष ने महिला के परिजन पर मारपीट करने का आरोप लगाया था। लेकिन वह किसी भी प्रकार के आरोप को कोर्ट में साबित नही कर पाया। कोर्ट में गवाह और सबूत पेश न होने की वजह से कोर्ट ने पुरुष को किसी भी प्रकार की सुरक्षा मांग को खारिज कर दिया।

First published on: Nov 13, 2023 08:49 PM

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