मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने 8 सितंबर को ऐतिहासिक फैसले लेते हुए ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ की जन-हितैषी नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एक विशेष अवसर प्रदान करते हुए किसानों को भयंकर बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने के साथ-साथ, यदि वे चाहें, तो इसे बेचने की छूट दी जाएगी। सुबह मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उनकी सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से वर्चुअल रूप से भाग लिया, जहां वे इलाज के लिए भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि बाढ़ के कारण पानी की मार झेल रहे खेतों में रेत और मिट्टी जमा हो चुकी है। इन खेतों के किसानों को बड़ी राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया कि किसानों को अपने खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाएगी और यदि वे चाहें तो इसे बेच भी सकेंगे। ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में किसानों को इस साल 31 दिसंबर तक बिना किसी परमिट के अपनी जमीन से रेत निकालने की अनुमति होगी।
कृषि योग्य जमीन से मिट्टी, रेत, नदियों के माध्यम से जमा सामग्री निकालने का यह एकमुश्त अवसर माना जाएगा, लेकिन इसे खनन सामग्री नहीं माना जाएगा। संबंधित जिले का डिप्टी कमिश्नर जिले में प्रभावित गांवों की सूची घोषित करेगा, जहां बाढ़ के कारण रेत या गाद जमा होने से प्रभावित किसानों, काश्तकारों, किसान समूहों द्वारा मिट्टी, रेत, नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को निकालने और ढोने का कार्य किया जा सकेगा। हाल ही में आई बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए सभी जिला खनन अधिकारियों के साथ-साथ जिला और उप-मंडल स्तर की निगरानी कमेटियां प्रभावित खेतों से मिट्टी, रेत, नदियों के माध्यम से जमा सामग्री को बिना जमीन की मूल सतह के साथ छेड़छाड़ किए हटाने और ढोने में सहयोग करेंगी।
फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि पंजाब सरकार प्रति एकड़ 20,000 रुपए का मुआवजा देगी, जो न केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा है। गंभीर संकट में फंसे किसानों को उबारने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है ताकि किसानों को अत्यंत आवश्यक राहत दी जा सके।
पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने राज्य की शहरी स्थानीय इकाइयों को म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड के माध्यम से इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों के फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड की स्थापना की गई थी, जिसके लिए प्रत्येक वर्ष प्रांतीय बजट से धन प्राप्त होता है। शहरी निकाय इकाइयों द्वारा शहरी बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों को अपनी संपत्तियों के निपटान से प्राप्त फंडों का उपयोग करने में सक्षम बनाने के लिए इस एक्ट में धारा 69बी जोड़ी गई है, जिसके तहत जमीन, इमारतों या अन्य चल-अचल संपत्तियों के निपटान से ट्रस्ट को मिलने वाले धन का हिस्सा, जैसा कि निर्धारित हो, म्यूनिसिपल डेवलपमेंट फंड में स्थानांतरित किया जाएगा।
बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत मुकदमा चलाने की सहमति दे दी। पंजाब के एडवोकेट जनरल (एजी) की सलाह के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी के मामले पर पहले मंत्रिमंडल में विचार करने की आवश्यकता थी और इसके बाद यह मामला अब आगे के आदेश के लिए राज्यपाल को भेजा जाएगा।
खरीफ खरीद सीजन 2025 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने 16 सितंबर से 30 नवंबर 2025 तक चलने वाले धान की खरीद के लिए खरीफ खरीद सीजन 2025-26 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को हरी झंडी दे दी। ‘खरीफ 2025-26 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति’ के प्रस्तावों के अनुसार चावल मिलों को विभाग द्वारा समय पर मंडियों के साथ ऑनलाइन जोड़ा जाएगा। चावल मिलों के लिए आर.ओ. स्कीम के तहत धान का आवंटन एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आटोमेटिक होगा। योग्य चावल मिलों में धान, इस नीति के प्रस्तावों और प्रांतीय एजेंसियों व चावल मिल मालिकों के बीच हुए समझौते के अनुसार भंडारित होगा। ‘खरीफ 2025-26 के लिए पंजाब कस्टम मिलिंग नीति’ में प्रस्तावित है कि चावल मिल मालिकों को नीति और समझौते के अनुसार 31 मार्च, 2026 तक भंडारित धान का बनता चावल डिलीवर करना होगा।
पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी-2023 में संशोधन को हरी झंडी
रेत खदानों के आवंटन को और प्रभावी बनाने, अतिरिक्त राजस्व जुटाने और रेत-बजरी की आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल ने ‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी, 2023’ और ‘पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स, 2013’ के संबंधित नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी। ‘पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी 2023’ और ‘पंजाब माइनर मिनरल्स रूल्स 2013’ दोनों में ये संशोधन नीलामी प्रक्रियाओं, खनन के अधिकार देने, रियायत की अवधि, रियायत की राशि, जमानत राशि का भुगतान, पर्यावरण मंजूरी मांगने के लिए जिम्मेदारी में बदलाव, ‘डेड रेंट’ की अवधारणा लाने से संबंधित हैं। इन नए नियमों/संशोधनों को मौजूदा पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स पॉलिसी, 2023 और पंजाब स्टेट माइनर मिनरल्स रूल्स 2013 में जोड़ा/बदला जाएगा। इसके अलावा, 30 अप्रैल 2025 की पंजाब स्टेट माइनर मिनरल (संशोधन) नीति के अनुसार रॉयल्टी की दरों में भी वृद्धि करने की आवश्यकता है। इसके तहत स्टेट जियोलॉजिस्ट के पास नियम 87 के अनुसार मूल्यांकन आदेशों के खिलाफ अपील सुनने की शक्तियां होंगी। वर्तमान में यह पद खाली है, इसलिए विभाग के अन्य अधिकारियों को ये शक्तियां देने के लिए सरकार को अधिकृत करने का प्रस्ताव है ताकि अपीलों से संबंधित कार्य प्रभावित न हो।