CBSE Result 2023: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक बेटी ने ऐसा करिश्मा कर दिखाया है कि हर कोई उसके जज्बे को सलाम कर रहा है। कुछ साल पहले भीषण सड़क हादसे में अपने पिता को खोया और खुद सालभर कोमा में रही। बेबस मां को पति की मौत पर शोक का समय भी नहीं मिला, क्योंकि बेटी-बेटा अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे थे। अब उसी बेटी ने सीबीएसई 12वीं में 90.4% अंक हासिल किए हैं।
शॉर्ट टर्म मैमोरी की दिक्कत
मेरठ की इस बेटी का नाम निवेदिता चौधरी है। हादसे के बाद निवेदिता को पढ़ने में दिक्कत थी। निवेदिता की मां ने बताया कि हादसे के बाद कोमा में जाने के कारण उसे शॉर्म टर्म मैमोरी (छोटी याद्दाश्त ) की परेशानी हो गई। साथ ही लिखने के लिए भी दिक्कत होने लगी। इसलिए परीक्षा के वक्त निवेदिता को एक सहायक दिलाया गया। निवेदिता ने मेरठ के सोफिया गर्ल्स स्कूल से 9वीं तक पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद 10वीं के लिए आर्मी पब्लिक स्कूल चली गईं। शुक्रवार को सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 90.4% अंक हासिल किए।
नवंबर 2014 में हुआ हादसा एक बुरा सपना
निवेदिता की मां नलिनी ने बताया कि बेटी को उसके पाठों को याद करने में मदद करने के लिए वे उसे शैक्षणिक विषयों से जुड़ी कहानियां सुनाती थी। उन्होंने कहा कि हादसा किसी बुरे सपने से कम नहीं था। नवंबर 2014 में उनके पति, निवेदिता और बेटा कार से कहीं जा रहे थे। तभी हादसा हो गया। हादसे में पति की मौके पर मौत हो गई। बेटी कोमा में चली गई और बेटे की कॉलर बोन में फ्रैक्चर आया। उन्होंने बच्चों की हालत देख उन्हें अपने जीवन साथी की मौत पर शोक का भी समय नहीं मिला।
व्हील चेयर से जाती थी स्कूल
बेटी और बेटे का लंबे समय तक इलाज चला। पति तो नहीं रहे, लेकिन ईश्वर ने दोनों बच्चों की जान बचा दी। करीब एक साल तक कोमा में रहने के बाद खड़ी हुई निवेदिता ने पढ़ाई शुरू कर दी। शुरुआत में वो व्हील चेयर से स्कूल जाती थी। दुर्घटना से पहले आर्मी पब्लिक स्कूल में पढ़ाने वाली नलिनी को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) में अपने पति विशाल चौधरी की जगह सहायक लेखाकार की नौकरी मिल गई, जहां वे बीएड विभाग के प्रभारी थे।
Chandigarh | 15-year-old Kafi, an acid attack survivor and daughter of a peon, scored 95.2% in her CBSE Class 10 results and became the topper of her school.
"I studied for 5-6 hours every day. My parents and teachers supported me a lot. I want to become an IAS officer and serve… pic.twitter.com/wLmXMpKw48
— ANI (@ANI) May 14, 2023
एसिड अटैक सर्वाइवर ने किया स्कूल टॉप
चंडीगढ़ से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां एक एसिड अटैक सर्वाइवर और चपरासी की 15 वर्षीय बेटी कफी ने सीबीएसई 10वीं के रिजल्ट में 95.2% मार्क्स स्कोर करते हुए अपने स्कूल में टॉप किया है। कफी ने बताया कि मैंने हर दिन 5-6 घंटे पढ़ाई की। मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने मुझे बहुत समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मैं एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती हूं और अपने देश की सेवा करना चाहती हूं।
पिता बोले- मैंने कभी हार नहीं मानी
कफी के पिता पवन ने बताया कि जब कफी 3 साल की थे, तो हमारे पड़ोसियों ने उस पर तेजाब से हमला कर दिया था, जिसके बाद कफी की आंखों की रोशनी चली गई। पिता ने कहा कि मैंने सभी चुनौतियों का सामना किया और अपनी बेटी को पढ़ाया। वह आईएएस की तैयारी करना चाहती है और मैं उसका समर्थन कर रहा हूं।