पंजाब में रिटारमेंट की उम्र 65 साल कर दी गई है। इसे लेकर सीएम भगवंत मान की कैबिनेट मीटिंग में ये फैसले लिए गए हैं। कैबिनेट की बैठक के बाद मान सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पंजाब के हक में कई अहम फैसले लिए गए। मेडिकल फैकल्टी में रिटायरमेंट की उम्र 62 साल थी, जिसे बढ़ाकर अब 65 साल कर दिया गया है। इन प्रोफेसरों के पास अनुभव होता है, जिसका फायदा मिलेगा। साथ ही स्पेशलिटी डॉक्टर के रिटायरमेंट की उम्र 58 से बढ़कर 65 कर दी गई है, लेकिन ये कॉन्ट्रैक्चुअल होगा।
मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आगे कहा कि पंजाब के पंचायत विभाग में ब्लॉक को तर्क संगत बनाया जाएगा। ब्लॉक का पुनर्निर्माण होगा। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में ओटीसी स्कीम लागू नहीं थी, इस पर भी फैसला लिया गया है। अब कॉन्ट्रेक्शन फीस को 50 प्रतिशत माफ कर दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, लेकिन कोर्ट में किसी भी राज्य में एससी-एसटी रिजर्वेशन नहीं है।
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पहली बार आप सरकार ने दलित के हक में लिया फैसला : चीमा
उन्होंने कहा कि जब वे पहली बार 2017 में विधानसभा में आए थे तब भी उन्होंने मांग की थी कि कोर्ट में 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए, लेकिन कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में कभी भी दलित के बच्चों की हाथ नहीं पकड़ी। जब आप की सरकार आई, तब सीएम भगवंत मान ने इसकी अनुमति दी। पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने पंजाब के दलित के हक में फैसला लिया।
एससी-एसटी के लिए 58 पोस्ट रिजर्वर : कैबिनेट मंत्री
पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आगे कहा कि कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए एससी-एसटी के लिए एजी ऑफिस में 58 पोस्ट को रिजर्वर किया है। पंजाब के वकीलों के लिए यह फैसला लिया गया है।
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