Bathinda Lok Sabha Seat: भारतीय जनता पार्टी ने बठिंडा में पूर्व आईएएस अधिकारी परमपाल कौर को लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया है। वे पूर्व मंत्री और शिअद नेता सिकंदर सिंह मलूका की बहू हैं, जिन्होंने 3 अप्रैल को पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बाद पंजाब के सीएम ने इसकी जांच करवाने की बात कही थी। वे वीरवार को ही भाजपा में शामिल हुईं। मान ने कहा था कि रिजाइन एक्सेप्ट नहीं किया है। वहीं, परमपाल ने दावा किया था कि स्वीकार कर लिया गया है।
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पोस्टिंग के दौरान परमपाल पर पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (PSIDC) के प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी थी। उन्होंने घरेलू कारणों का हवाला देकर मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को रिजाइन भेजा था। एआईएस (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16(2) के तहत 3 महीने के नोटिस पीरियड से छूट मांगी थी। मुख्य सचिव ने फाइल सीएम को भेजी थी, जो पास नहीं हुई। वहीं, परमपाल ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी। मीडिया में भी रिजाइन एक्सेप्ट होने की बात कही थी।
सीएम ने कहा था-इस्तीफे के पीछे राजनीतिक कारण
सीएम ने इस्तीफे के कारणों की जांच की बात कहते हुए नियमों का हवाला दिया था। कार्रवाई की बात कही थी। एक्स पर भी सीएम ने कहा था कि उनका रिजाइन स्वीकार नहीं किया है। इस्तीफा प्रक्रिया से देना होता है, न कि जल्दबाजी में।
ਪਰਮਪਾਲ ਕੌਰ ਜੀ IAS ਅਫਸਰ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਅਸਤੀਫਾ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਮਨਜ਼ੂਰ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ..ਬੀਬਾ ਜੀ ਜਿੰਨੀ ਕਾਹਲੀ IAS ਬਣਨ ਦੀ ਸੀ..ਛੱਡਣ ਵਾਸਤੇ ਕੋਈ ਤੌਰ ਤਰੀਕੇ ਨੇ..ਕਿਰਪਾ ਕਰਕੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣ ਦੇ ਤਰੀਕੇ ਸਮਝੋ..ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਸਾਰੀ ਉਮਰ ਦੀ ਕਮਾਈ ਖਤਰੇ ਚ ਪੈ ਸਕਦੀ ਹੈ..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) April 11, 2024
नहीं तो, जीवनभर की कमाई खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने ससुर के प्रभाव से नियुक्ति होने की बात कहते हुए भी कटाक्ष किया था। सीएम ने संकेत दिया था कि परमपाल ने व्यक्तिगत और घरेलू कारणों से इस्तीफा देने की बात कही थी। लेकिन इसके पीछे राजनीतिक कारण दिखते हैं।
परमपाल कौर ने पति गुरप्रीत सिंह मलूका के साथ नई दिल्ली में बीजेपी ज्वाइन की थी। उनके पद छोड़ने से पहले ही अटकलें चल रही थीं कि वे बीजेपी में जाएंगी। गुरप्रीत मलूका ने भी शिअद को अलविदा कहा था। वे काफी लंबे समय से सुखबीर बादल से नाराज बताए गए हैं।