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50 हजार करोड़ के घोटाले में 3 और गिरफ्तारी; पंजाब विजिलेंस की SIT ने गुजरात से धरा भगौड़ों को

Pearls Agrotech Corporation Limited Scam: 50 हजार करोड़ रुपए के घोटाले की जांच कर रही पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की एसआईटी ने इस केस में धोखाधड़ी के तीन और आरोपियों को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 23, 2023 21:30
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चंडीगढ़: पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) के फ्रॉड केस में सोमवार को तीन और गिरफ्तारियां हुई हैं। मामले की जांच में जुटी पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने तीन वांछित आरोपियों को गुजरात के अहमदाबाद से गिरफ्तार किया है, जो पिछले करीब सवा दो साल से भगौड़े घोषित थे। हालांकि विजिलेंस ब्यूरो की टीम इससे पहले इस कॉर्पोरेशन के एमडी निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर के अलावा अवैध तरीके से नियुक्त किए गए एक डायरेक्टर और डायरेक्टर्स की नियुक्ति वाले कागजात की पुष्टि करने वाले एक शख्स को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

मामला 50 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का है, जिसमें हाल ही में फतेहगढ़ जिले के गांव शमशपुर के हरकीरत सिंह, जलबेहड़ा के प्रदीप सिंह और बठिंडा जिले के गांव गोनियाना कलां के प्रभजोत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। इस बारे में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इन तीनों पर साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) के गांव घोलूमाजरा में पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की तरफ से कई सारी प्रॉपर्टीज के मालिकाना हक बदलने का आरोप है। ये तीनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा कंपनी की प्रॉपर्टीज को ई बेचने और मालिकाना हक में बदलाव संबंधी रोक लगाए जाने के बारे में जानते थे, लेकिन बावजूद इसके इन्होंने यह काम जारी रखा।

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित रिटायर्ड जज जस्टिस आरएम लोढा कमेटी की तरफ से सिफारिश की गई थी कि प्रॉपर्टी बेचने के बाद कंपनी सामूहिक निवेश योजना (CIS) में निवेश कर चुके लोगों को उनका पैसा वापस कर दे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। एक जनवरी 2023 को राजस्थान के जयपुर में पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) के रजिस्टर्ड दफ्तर में कंपनी की एक्सट्रा ऑर्डिनरी जनरल बॉडी मीटिंग (EOGBM) की दिखाई गई, जो लगभग 8 साल से बंद है। इतना ही नहीं, फर्जी प्रोसीडिंग के आधार पर ह्रदयपाल सिंह ढिल्लों, संदीप सिंह माहल और धरमिंदर सिंह संधू को नया डायरेक्टर बना दिया गया, जबकि बड़ा राज यह था कि ऐसी कोई बैठक ही नहीं हुई।

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इस मामले में पहले ही चार्जशीट किए जा चुके संदीप सिंह माहल और सीए जसविंदर सिंह डांग इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं। इसके बाद पिछले महीने विजिलेंस ने रामा मंडी के रहने वाले फर्जी डायरेक्टर धरमिंदर सिंह संधू को गिरफ्तार किया था। आरोप भी है कि लुधियाना के सीए जसविंदर सिंह डांग ने जयपुर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जाली दस्तावेज जमा करवाए और कंपनी मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर तीनों फर्जी डायरेक्टर्स अपने नाम दर्ज करवाए। अब हरकीरत, प्रदीप और प्रभजोत को एसआईटी ने गुजरात पुलिस की मदद से अहमदाबाद से काबू किया है। ये तीनों फिरोजपुर जिले के जीरा थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 406, 420, 467, 468, 471 और 120-बी के तहत 16 जुलाई 2020 को दर्ज एफआईआर में वांछित थे। इसके अलावा 21 फरवरी 2023 को हरकीरत के खिलाफ पंजाब स्टेट क्राइम सेल के थाने में भी एक केस दर्ज है। इन तीनों की भूमिका पर फर्जी मीटिंग के आधार पर डायरेक्टरों की फर्जी नियुक्ति और कंपनी से जुड़े लोगों से पैसा वसूलने में बताई जा रही है।

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Written By

Balraj Singh

First published on: Oct 23, 2023 08:52 PM
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