पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के एक बयान को लेकर सियासत गरमाई हुई है। प्रताप सिंह बाजवा का ‘पंजाब में 50 बम पहुंच चुके हैं’ वाला बयान का मामला इतना आगे बढ़ गया कि बीते दिन हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि वह कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा को इस मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल तक गिरफ्तार न किया जाए। हाल ही में पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने इस मामले को लेकर प्रताप सिंह बाजवा पर जमकर निशाना साधा।
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हाईकोर्ट से नहीं मिली बाजवा को राहत
अमन अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पंजाब के कुछ नेता बेतुकी बयानबाजी करके खबरों में बने रहने के लिए हल्की राजनीति कर रहे हैं। किस तरह से विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने गलत बयानबाजी की, ये पूरे पंजाब के लोगों ने देखा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से भी प्रताप बाजवा की राहत नहीं मिली है, कोर्ट ने साफ कहा है कि उन्हें पुलिस को सहयोग करना होगा। जब भी पुलिस पूछताछ के लिए बुलाएगी, जाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने बताया कि कोर्ट में प्रताप बाजवा ने कहा कि उनका सोर्स दैनिक भास्कर की खबर थी। यही बात बाजवा साहब पहले की पुलिस को बता देते तो आज ये मामला इतना आगे नहीं बढ़ता।
कहीं दोनों एक साथ तो नहीं
इस दौरान अमन अरोड़ा ने प्रताप बाजवा के बयान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू और प्रताप बाजवा ने एक ही बात कही है। क्या ये दोनों मिले हुए हैं? बाजवा अपनी राजनीति को चमकने के लिए इस तरह के बयानबाजी करते हैं।
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गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बाबा भीम राव आंबेडकर को लेकर जो कहा, वहीं बात कांग्रेस ने कही। क्या वो पन्नू के साथ है? ऐसे में कांग्रेस को अपना स्टैंड साफ करना होगा।