चंडीगढ़: पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने सोमवार को सभी विभागों को पानी और हवा प्रदूषण को कंट्रोल करने और प्रदेश और यहां की नदियों और नहरों को साफ़-सुथरा और प्रदूषण रहित करने के लिए जंगी स्तर पर काम करने के लिए कहा।
मुख्य सचिव ने राज्य में ठोस और प्लासिटक अवशेष प्रबंधन और सिवरेज और गंदे पानी के निकास संबंधी बुलायी समीक्षा मीटिंग में वातावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि इस लक्ष्य की पूर्ति की जाए।
सिवरेज और गंदे पानी के निकास के कारण नदियों के पानी में होने वाले प्रदूषण की समीक्षा करते हुए स्थानीय निकाय विभाग ने बताया कि राज्य में स्थापित किये जाने वाले लगभग 785 एम. एल. डी. क्षमता वाले 111 एस. टी. पीज़ में से, 53 एस. टी. पीज़ (617. 5 एम. एल. डी.) का काम प्रगति अधीन है। सभी 111 एस. टी. पीज़ के 31 दिसंबर, 2023 तक कार्यशील होने की संभावना है जिससे राज्य की नदियों के पानी की अपेक्षित गुणवत्ता हासिल करने के योग्य हो जाएगा।
सतलुज नदी के प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए जमालपुर ( 225 एम. एल. डी.) और बल्लोके ( 60 एम. एल. डी.) में 2 एस. टी. पीज़ का काम 31 मार्च, 2023 तक मुकम्मल होने की संभावना है। इसके इलावा, लुधियाना में टेक्स्टाईल उद्योगों के गंदे पानी के निपटारे के लिए 40 एम. एल. डी. और 50 एम. एल. डी. क्षमता वाले कॉमन ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट पहले ही कार्यशील किये जा चुके हैं।
लुधियाना में डेयरी के गंदे पानी के निपटारे सम्बन्धी 300 टन प्रति दिन गायों के गौबर के निपटारे के लिए कम्परैस्सड बायो गैस प्लांट स्थापित करने का काम सौंप दिया गया है। इसके अलावा हैबोवाल डेयरी कंपलैक्स में एक और बायो गैस प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई गई है जो लगभग 200 टन/ दिन गायों के गौबर का निपटारा करेगा।
इसके अलावा, ताजपुर और हैबोवाल डेयरी कम्पलैकसों से निकलने वाले तरल अवशेष के निपटारे के लिए 2 ई. टी. पीज स्थापित करने का काम प्रगति अधीन है और यह काम 31 मार्च, 2023 तक मुकम्मल होने की संभावना है। मीटिंग के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने समिति को बताया कि 860 गाँवों में छप्पड़ों के नवीनीकरण का काम मुकम्मल हो चुका है और 515 गाँवों में यह काम प्रगति अधीन है।
मुख्य सचिव को पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की हिदायतों अनुसार एक बार प्रयोग वाले प्लास्टिक की वस्तुओं पर लगाई गई पाबंदी को सख़्ती से लागू किया जा रहा है। इसके अलावा, अधिक से अधिक लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए बीती 5 अगस्त को मुख्यमंत्री और विज्ञान प्रौद्यौगिकी और पर्यावरण मंत्री के नेतृत्व अधीन राज्य स्तरीय समागम भी करवाया गया है।
मुख्य सचिव को बताया कि ठोस अवशेष के सम्बन्ध में घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करना और मौके पर अवशेष को अलग करना शुरू किया गया है। इसके इलावा गीले कूड़े के प्रबंधन के लिए लगभग 8250 कम्पोस्ट पिट बनाऐ गए हैं और सूखे कूड़े के प्रबंधन के लिए 266 मटीरियल रिकवरी सुविधाएं स्थापित की गई हैं।
पुरानी डम्प साईटों के बायो-रीमीडीएशन के लिए 114 शहरी स्थानीय इकाईयों में 31 दिसंबर, 2022 तक, 32 इकाईयों में 31 मार्च, 2023 तक और 2 में 31 मार्च, 2024 तक काम मुकम्मल किया जाना है। स्थानीय निकाय विभाग ने इमारतों के निर्माण और ढुलायी से सम्बन्धित अवशेष की प्रोसेसिंग के लिए 139 यू. एल. बीज़ में माईक्रो यूनिट भी स्थापित किये हैं। इस सम्बन्धी जालंधर में 60 टी. पी. डी. प्लांट शुरू किया गया है।
मीटिंग में दूसरों के इलावा ग्रामीण विकास विभाग के वित्त कमिश्नर के. सिवा प्रसाद, आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव अजोए कुमार सिन्हा, स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव विवेक प्रताप सिंह, सचिव वातावरण राहुल तिवारी, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डॉ. आदर्श पाल विग, पंजाब जल सप्लाई और सिवरेज बोर्ड के सी. ई. ओ. वरिन्दर कुमार शर्मा, पी. एम. आई. डी. सी. के सी. ई. ओ. ईशा कालिया, पेडा के सी. ई. ओ. सुमित जारंगल, डायरेक्टर वातावरण मनीष कुमार उपस्थित थे।