अखिल भारतीय पंचायत परिषद मयूर विहार फेज 1 नई दिल्ली के प्रांगण में 78 वें स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया गया | इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय पंचायत परिषद के देश भर के पदाधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित हुए। इस वर्ष की खास बात यह रही कि इस कार्यक्रम में दिल्ली एन सी आर के ढेर सारे पर्यावरण कर्मी भी शामिल हुए।
इस मौके पर अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अशोक चौहान ने कहा कि पंचायतों को अधिकार दिलानें के लिए देश भर में अपने अभियानों को तेज किया जायेगा। आजादी का सही मकसद पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाकर ही पूरा किया जा सकता है। पंचायतों को राज्य सरकारों बजट के भरोसे पर न छोड़ा जाय बल्कि केंद्र के निगरानी में रखा जाय। पंचायतों के 29 विषयों को कई राज्यों ने अभी तक लागू नहीं किया है।
इसके बाद उन्होंने केंद्र सरकार को कानून बनाकर इन विषयों को देश के सभी राज्यों में लागू करने का आह्वान किया। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के मीडिया सलाहकार बद्री नाथ ने कहा कि पंचायतों को अपने कार्यों को करने के लिए पूर्ण आजादी दिए जाने की जरूरत है। आज के दौर में राज्य सरकारें अपने कार्य योजना के माध्यम से हर गावों में होम वर्क देती हैं। हर गावं की जरूरतें अलग-अलग हैं इस लिए उनके जरूरतों के मुताबिक निर्णय लेने और बजट का इंतजाम की प्रक्रिया को आसान बनाये जाएँ।
अब पंचायतों में सम्पूर्ण विकेंद्रीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकारों की बैसाखी से आजाद करने की दिशा में कार्य किये जाने की जरूरत है। इस कार्यक्रम में अजय उपाध्याय, राष्ट्रीय महामंत्री ध्यान पाल सिंह जादौन, कार्यालय सचिव दिवाकर दुबे , रमाकांत शुक्ला, राम बृक्ष , डिस्कवरी चैनल से नीरज झा, शौर्य सेना के संस्थापक अजय झा, राजवीर सिंह राठी, बी एस ई एस के इंजीनियर वशिष्ठ यादव, गिव मी ट्रीज ट्रस्ट से असगर और विनीत बोहरा, पत्रकार राहुल चौहान, विनय पाल सिंह तंवर समेत ढेर सारे गणमान्य शामिल रहे।
अखिल भारतीय पंचायत परिषद 1958 से पंचायती सुधार के दिशा में कर रहा है महत्वपूर्ण कार्य
देश के पंचायती सुधारों की दिशा में 1958 से अखिल भारतीय पंचायत परिषद निरंतर कार्य कर रहा है। इस संस्था की स्थापना बलवंत राय मेहता और जय प्रकाश नारायण जी के द्वारा की गई थी। उसके बाद लाल सिंह त्यागी, सहदेव चौधरी जैसे जन नेताओं ने इस संस्था को अपनी कर्मभूमि बनाकर कार्य किये। वर्तमान में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकान्त सहाय के नेतृत्व में अखिल भारतीय पंचायत परिषद अपने देश व्यापी अभियानों को संचालित कर रहा है |
देश की पंचायतों को सुदृढ़ करने के लिए पिछले दिनों सुबोध कान्त सहाय नें क्षेत्रिय परिषदों के तर्ज पर दक्षिण भारतीय पंचायत परिषद का गठन काफी चर्चे में रहा था। आने वाले समय में पूर्वोत्तर भारत में पूर्वोत्तर पंचायत परिषद का गठन किये जाने का प्रस्ताव पास किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कान्त सहाय को अखिल भारतीय पंचायत परिषद को देश व्यापी पहचान दिलाने और पंचायती आंदोलनों को धार देनें के लिए महत्वपूर्ण पहचान मिली है। यह एक गैर दलीय और गैर सरकारी संस्थान है |
इस संस्था में देश के लगभग सभी दलों के लोगों का प्रतिनिधित्व है। पंजाब पंचायत परिषद के अध्यक्ष आम आदमी पार्टी के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा हैं और बीजेपी के संस्थापक सदस्य और पूर्व राज्य सभा सदस्य आर. के . सिन्हा इस संस्था के संरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। अखिल भारतीय पंचायत परिषद अब पंचायतों के साथ साथ नगर निकायों में भी महत्वपूर्ण सुझावों और अभियानों पर भी कार्य करना शुरू कर चुकी है। 73 वें और 74 वें संविधान संशोधन को पूर्ण रूप से लागू करने और नए सुझाव पेश करने के लिए आज अखिल भारतीय पंचायत परिषद आज देशव्यापी पहचान अर्जित कर रही है।
ध्वजारोहण के बाद पंचायत वाटिका में हुआ पौधारोपण
ध्वजारोहण के बाद अखिल भारतीय पंचायत परिषद के प्रांगण में 78 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 78 पौधे लगाए गए। पंचायत वाटिका GiveMeTreesTrust के प्रयासों से विगत 3 वर्षों में इस परिसर में 10,000 पौधे लगाये गए हैं। इसमें करीब 119 प्रकार के पौधे लगाए गए हैं। छायादार, फलदार, औषधीय, हवादार पौधों से लबरेज यह पंचायत वाटिका पर्यटकों के बीच काफी कौतूहल का विषय बनी हुई है। आपको बता दें यह वाटिका पीपल बाबा के नेतृत्व में बनाई गयी है।
पीपल बाबा कहते हैं कि इस पंचायत वाटिका के तर्ज पर देश के इस हर जिले में सरकारी जमीनों में पंचायत वाटिका तैयार की जाए, तो देश के पर्यावरण को शुद्ध किया जा सकता है। गावं की खाली पड़ी जमीनों पर अगर ऐसी वाटिकाएं लगाई जाएँगी तो उस इलाके का पूरा वातावरण शुद्ध होगा साथ ही साथ पेड़ों के निकलने वाले फल, फूल, लकड़ियाँ, आदि ग्राम सभाओं के आय के एक श्रोत बनेंगे इससे गावों को संपन्न बनाने में मदद मिलेगी।