Noida News: सर्द हवाओं की शुरुआत के साथ इंसानों के साथ-साथ अब जानवरों के स्वभाव में भी बदलाव देखा जा रहा है. मौसम बदलते ही कुत्तों के अंदर कोर्टिसोल हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव आ रहा है, जिससे उनमें चिड़चिड़ापन और आक्रामकता बढ़ने लगी है. डाॅग अटैक के डर से शहर के सेक्टरों, कॉलोनियों और व्यावसायिक इलाकों में कुत्तों के हमले तेजी से बढ़ गए हैं. खासतौर पर बच्चे और महिलाएं इन हमलों का ज्यादा शिकार बन रहे हैं.
435 लोगों को लगी वैक्सीन
सोमवार को सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल के एंटी रेबीज वैक्सीन सेंटर पर हालात यह रहे कि एक ही दिन में 500 से अधिक मरीज डोज लगवाने पहुंचे. सुबह से ही अस्पताल के बाहर लंबी कतारें लग गई. दोपहर ढाई बजे तक 435 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी थी.
हर दिन 250 से 350 मरीज पहुंच रहे वैक्सीन सेंटर
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फार्मासिस्ट जीएस चैहान ने बताया कि मौसम बदलने के दौरान कुत्तों के काटने के मामले काफी बढ़ जाते हैं. रोजाना 250 से 350 मरीज एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं. जिनके घाव गहरे होते हैं, उन्हें एंटी सीरम की अतिरिक्त डोज दी जाती है. उन्होंने बताया कि अक्टूबर में 6500 से अधिक मरीजों को एआरवी सेंटर पर टीका लगाया गया, जबकि सिर्फ सोमवार को 519 लोग डोज के लिए पहुंचे, जो इस साल का रिकॉर्ड है.
सेक्टरों में बढ़ा खतरा
कुत्तों के हमले के अधिकतर मामले सेक्टर-60, 62, 66, 71, 110, भंगेल और गढ़ी-चैखंडी इलाके से सामने आए हैं. कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने बेसहारा कुत्तों के झुंडों के आक्रामक होने की शिकायत भी दी है.
सालभर के आंकड़े कर रहे चेतावनी
पिछले वर्ष के आंकड़े बताते हैं कि सर्दी के शुरुआती तीन महीनों में 13,249 लोगों को कुत्तों के काटने पर वैक्सीन लगानी पड़ी थी. वहीं जून और जुलाई में 7,425 मरीज अस्पताल पहुंचे थे. सितंबर और अक्टूबर में तापमान में उतार-चढ़ाव के दौरान जब कोर्टिसोल हार्मोन असंतुलित हुआ तो शहर में 8,013 लोगों को कुत्तों ने काटकर जख्मी किया.
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