Greater Noida News : नोएडा एयरपोर्ट के पास जेवर क्षेत्र में ज़मीन से जुड़े फर्जीवाड़े पर लगाम कसते हुए यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने बड़ा कदम उठाया है. नियोजित विकास के लिए किसानों से खरीदी गई भूमि को अब सरकारी दस्तावेजों में विधिवत रूप से यीडा के नाम दर्ज कराया गया है. कुल 18 गांवों की लगभग 441 हेक्टेयर भूमि को यीडा ने अपने नाम पर 3695 दाखिल-खारिज के माध्यम से दर्ज कराया है.
किसानों के नाम दर्ज है जमीन
अब तक यह जमीन कागजों में किसानों के नाम पर ही दर्ज थी, जिससे कई बार फर्जीवाड़े की घटनाएं सामने आती थी. ऐसी जमीन को कुछ लोग दोबारा बेच देते थे या बैंक से लोन लेने के लिए बंधक बना देते थे जबकि वास्तविकता यह होती थी कि यीडा पहले ही उस भूमि को खरीद चुका होता था और संबंधित किसानों को मुआवजा भी दिया जा चुका होता था.
अब नहीं होगा फर्जीवाड़ा
यीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राकेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह ज़मीन अभी तक 3695 पूर्व भूमि स्वामियों के नाम पर दर्ज थी. अब उनके नाम हटाकर यीडा का नाम दर्ज कर दिया गया है. इससे फर्जीवाड़े की संभावना खत्म हो जाएगी और खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी.
क्यों होता था फर्जीवाड़ा?
अक्सर देखा गया है कि जमीन खरीदने के बाद यीडा की ओर से दस्तावेजों में नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया में लापरवाही बरती जाती थी. इस वजह से ज़मीन अभी भी किसानों के नाम पर ही दिखाई देती थी. इसका फायदा उठाकर कुछ तत्व दोबारा जमीन को बेच देते या बैंक से कर्ज ले लेते. जब यीडा भौतिक कब्जा लेकर उस पर निर्माण कार्य शुरू करता, तब जाकर फर्जीवाड़ा उजागर होता.
FIR ही बनती थी अंतिम रास्ता
फर्जीवाड़ा उजागर होने पर बैंक या क्रेता की ओर से आपत्ति जताई जाती थी, लेकिन तब तक जमीन यीडा के कब्जे में आ चुकी होती. ऐसे में एफआईआर दर्ज कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था. अब सरकारी रिकॉर्ड में यीडा का नाम दर्ज हो जाने से ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति की संभावना नहीं रहेगी.
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