इंद्रजीत सिंह, मुंबईः शिवसेना (Shiv Sena) का नाम और निशान छिन जाने के बाद भी उद्धव ठाकरे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले विधानसभा ऑफिस और अब सेनाभवन भी एकनाथ शिंदे गुट के पास जाता दिख रहा है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि शिवसेना के पास कितनी संपत्ति हैं और कौन-कौन सी संपत्ति शिवसेना (Shiv Sena) यानी शिंदे गुट के पास जा सकती हैं।
इस बीच मुंबई के अधिवक्ता योगेश देशपांडे ने चैरिटी कमिश्नर को शिकायत दी है कि शिवसेना भवन शिवाई ट्रस्ट के तहत चलता है। ट्रस्ट की प्रॉपर्टी का राजनैतिक पार्टी चलाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है। इधर एमएनएस ने उद्धव ठाकरे पर भी तंज किया है।
इन संपत्तियों पर शिंदे गुट ने किया कब्जा
एक ओर जहां उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। वहीं एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के कार्यालय और शाखाओं को अपने कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इस घटना के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है। सोमवार को शिंदे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा में स्थित शिवसेना पार्टी कार्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है।
शिवसेना की इतने करोड़ की है संपत्ति
एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2019-20 में शिवसेना के पास 148.46 करोड़ की FD और 186 करोड़ की अचल संपत्ति थी। करोड़ों कीमत वाले ‘सेनाभवन’ के अलावा भी शिवसेना के पास कई दूसरी संपत्तियां हैं, जिसकी कीमत काफी ज्यादा है।
दादर पश्चिम स्थित शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ का कार्यालय भी महंगी प्रॉपर्टीज में से एक है, लेकिन इसमें से ज्यादातर प्रॉपर्टी ट्रस्ट के नाम पर है। इस बीच सेनाभवन को लेकर अधिवक्ता योगेश देशपांडे ने चैरिटी कमिश्नर में शिकायत की है कि ट्रस्ट संपत्ति का इस्तेमाल राजनीतिक तौर पर करता है।
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शिवाई ट्रस्ट में ये लोग हैं शामिल
सेना भवन को लेकर सियासत तेज हो चुकी है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता संदीप देशपांडे ने पूछा है कि शिवसेना भवन को चलाने वाली शिवाई ट्रस्ट में कुछ समय पहले ही उद्धव ठाकरे शामिल हुए, तो क्या उनको अपने नेताओं पर भरोसा नहीं है?
मुंबई शहर के सर्वेक्षण रजिस्टर के दस्तावेज के अनुसार उद्धव ठाकरे के अलावा ट्रस्टियों में लीलाधर डाके, दिवाकर रावते, सुभाष देसाई, दक्षिण मुंबई के सांसद अरविंद सावंत और मुंबई की पूर्व मेयर विशाखा राऊत में शामिल हैं। ये सभी लोग उद्धव ठाकरे के करीबी हैं।
बजट सत्र में शिंदे गुट जारी करेगा व्हिप
जहां तक एक्टिविटी की बात है तो कोई भी ट्रस्ट अपनी एक्टिविटी के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए किराए पर कुछ प्रॉपर्टी दे सकता है। वहीं शिवसेना शाखा की बात है ये सभी शाखा अलग-अलग लोगों के नाम पर है।
बाला साहेब ठाकरे की विरासत की लड़ाई अभी भी जारी है। अब जंग शिवसेना भवन, शाखाओं के नेटवर्क और फंड को अपने नाम करने की है। इस बीच शिंदे गुट बजट सत्र में व्हिप जारी करेगा और यह आदेश ठाकरे और शिंदे दोनों गुट पर लागू होगा।
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आदेश के आधार पर ही कार्यालयों में प्रवेश कियाः शिंदे गुट
शिवसेना (शिंदे ग्रुप) के भरत गोगावले ने बताया कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय दिया था। उसके आधार पर हमने कार्यालय में प्रवेश किया है। एक बैठक की गई। जो नियम हैं, उसके आधार पर हमने व्हिप जारी किया है।
अगर जारी व्हिप का उलंघन किया जाता है तो नियम के आधार पर कार्रवाई हो सकती है। हालांकि उद्धव ठाकरे ने भी शिंदे गुट को जवाब दिया है। कहा है कि व्हिप हमारे गुट के विधायकों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि चुनाव आयोग ने दो गुट की मान्यता दी है।
सेनाभवन की कीमत 200 करोड़ रुपये आंकी गई
जानकारी के मुताबिक पूरे महाराष्ट्र में शिवसेना की जितनी भी संपत्ति है, उसमें सबसे बड़ी संपत्ति सेना भवन को माना जा रहा है। आज सेना भवन की कीमत करीब 200 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि वो सेना भवन पर कोई दावा ठोकने के इरादे में नही है। क्योंकि सेना भवन उनके लिए मंदिर है।
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