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मुंबई

महाराष्ट्र में संभाजी ब्रिगेड के अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड के चेहरे पर पोती कालिख, दी ये चेतावनी, जानें क्या है पूरा मामला

Sambhaji Brigade News: महाराष्ट्र में संभाजी ब्रिगेड के अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड के चेहरे पर कालिख पोते जाने का मामला सामने आया है। हिंदू कार्यकर्ताओं ने अक्कलकोट में संभाजी ब्रिगेड के नेता प्रवीण गायकवाड के चेहरे पर कालिख पोत दी। इनका कहना है कि संभाजी ब्रिगेड स्वामी समर्थ और प्रभु राम जैसे हिंदू आदर्शों का अपमान करने के लिए कुख्यात है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Jul 13, 2025 19:54
Sambhaji Brigade chief Praveen Gaikwad, Maharashtra News।
महाराष्ट्र में संभाजी ब्रिगेड के अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड के चेहरे पर पोती कालिख।

महाराष्ट्र के अक्कलकोट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं एवं शिवभक्तों और संभाजी ब्रिगेड के बीच टकराव की खबर सामने आई है। दरअसल, छत्रपति संभाजी महाराज का अपने संगठन के नाम में एकवचन (ऐकेरी) रूप में उल्लेख करने वाली संभाजी ब्रिगेड को शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है। साथ ही प्रदेश के पुणे, सातारा, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर जैसे स्थानों पर रविवार को मोर्चे निकाले गए।

क्या है मामला?

शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं और शिवभक्तों का कहना है कि ‘संभाजी ब्रिग्रेड’ छत्रपति संभाजी महाराज के नाम का एकवचन उल्लेख (जैसे केवल ‘संभाजी’) बंद करे। लेकिन ऐसा नहीं होने से नाराज शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं और शिवभक्तों ने संभाजी ब्रिगेड के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड का अक्कलकोट में एक कार्यक्रम के दौरान मुख पर कालिख पोतकर विरोध जताया। प्रवीण गायकवाड अक्कलकोट में फत्तेसिंह शिक्षण संस्था और सकल मराठा समाज के एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।

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आखिर हुआ क्या ?

जानकारी के अनुसार, प्रवीण गायकवाड अक्कलकोट के दौरे पर थे। इस दौरान वे फत्तेसिंह शिक्षण संस्था और सकल मराठा समाज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। जैसे ही वे वहां पहुंचे, कुछ लोग अचानक उनके पास आए और इकट्ठा होकर प्रवीण गायकवाड के साथ गाली-गलौज करने लगे। बताया जा रहा है कि गाली-गलौज करने वाले शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ता हैं। दरअसल, प्रवीण गायकवाड द्वारा अपने संगठन के नाम में छत्रपति संभाजी महाराज का जिक्र किए जाने पर शिवधर्म फाउंडेशन नाराज है। साथ ही इस संगठन के पदाधिकारी इस बात से भी नाराज थे कि स्वामी समर्थ का एक बयान में जिक्र करके उनका अपमान किया गया। इससे पहले शिवधर्म फाउंडेशन ने संभाजी ब्रिगेड के खिलाफ भूख हड़ताल भी की थी।

दी ये चेतावनी

साथ ही शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर संभाजी ब्रिगेड ने अपनी संस्था के नाम से छत्रपति संभाजी महाराज का एकवचन उल्लेख बंद नहीं किया तो उन्हें सड़क पर चलने नहीं दिया जाएगा। हिंदू कार्यकर्ताओं का कहना है कि संभाजी ब्रिगेड स्वामी समर्थ और प्रभु राम जैसे हिंदू आदर्शों का अपमान करने के लिए कुख्यात है। उनके कार्यक्रम अक्सर हिंदू रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाते हैं और वैकल्पिक इतिहास को बढ़ावा देते हैं।

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प्रवीण गायकवाड की पिटाई

इतना ही नहीं शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं द्वारा कालिख पोते जाने के बाद प्रवीण गायकवाड कार में बैठ गए। लेकिन शिवधर्म फाउंडेशन के कार्यकर्ता आक्रामक हो गए। उन्होंने कार में घुसकर गायकवाड की पिटाई कर दी। बाद में पता चला कि उन्हें सड़क पर भी पीटा गया। वहीं, संभाजी ब्रिगेड के अध्यक्ष पर हुए हमले के बाद ब्रिगेड के पैठ वाले इलाके पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में पुलिस अलर्ट मोड पर है।

प्रवीण गायकवाड ने क्या कहा?

इस मामले में संभाजी ब्रिगेड के अध्यक्ष प्रवीण गायकवाड ने कहा कि यह हमला सरकार द्वारा प्रायोजित था और इसके पीछे बड़ी साजिश है। उन्होंने कहा कि हमला करनेवाला शख्स का नाम दीपक काटे है, जिसपर कई मामले दर्ज है और यह बीजेपी से जुड़ा हुआ है।

संभाजी ब्रिगेड की स्थापना कब हुई और क्या है इसका काम?

संभाजी ब्रिगेड की स्थापना 1990 के दशक में हुई थी। इसका नाम छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान में रखा गया, जो शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा साम्राज्य के दूसरे छत्रपति थे। ब्रिगेड का मुख्य उद्देश मराठा इतिहास और संस्कृति की रक्षा करना, सामाजिक अन्याय और ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाज उठाना था। संभाजी ब्रिगेड कई बार अपने आक्रामक रवैये के कारण विवादों में रही है। इनमें प्रमुख हैं:-

  • पुरोहित वर्ग और ब्राह्मणवाद का विरोध।
  • इतिहास के कथित ‘तोड़े-मरोड़े’ गए वर्णनों के खिलाफ आंदोलन।
  • 2004 में पुणे के भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (BORI) में तोड़फोड़। उस वक्त संगठन ने आरोप लगाया था कि वहां छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा इतिहास का अपमान किया गया।

First published on: Jul 13, 2025 05:00 PM