PM Modi Mumbai Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र के दौरे पर रहे। उन्होंने यहां छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से शिर्डी और सोलापुर जाने वाली दो वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी मुंबई के मरोल पहुंचे।
यहां उन्होंने अल जामिया-तुस-सैफियाह (सैफ अकादमी) के नए परिसर का उद्घान किया। इस दौरान धार्मिक नेता और दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन भी साथ रहे।
Prime Minister Narendra Modi inaugurates the Mumbai campus of Aljamea-tus-Saifiyah Arabic Academy pic.twitter.com/nI5edyovXW
— ANI (@ANI) February 10, 2023
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पीएम बोले- विकास की कसौटी पर बोहरा मुस्लिमों ने खुद को साबित किया
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘कोई समुदाय, समाज, संगठन उसकी पहचान इससे है कि वह समय के अनुसार अपनी प्रासंगिकता को कितना कायम रखता है। समय के साथ परिवर्तन और विकास की इस कसौटी पर दाऊदी बोहरा समुदाय ने हमेशा खुद को खरा साबित किया है। अल जामिया-तुस-सैफियाह शिक्षा के महत्वपूर्ण स्थान इसका जीता जागता उदाहरण है।’
पीएम ने कहा, ‘देश आज़ादी के अमृत काल की यात्रा शुरू कर रहा है,तो शिक्षा के क्षेत्र में बोहरा समाज के इस योगदान की अहमियत बढ़ जाती है…जब आप मुंबई,सूरत जाएं तो दांडी जरूर जाइएगा।दांडी यात्रा गांधी जी की आज़ादी की लड़ाई में एक मोड़ था।नमक सत्याग्रह से पहले गांधी जी दांडी में आपके घर रुके थे।’
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दूसरी बार बोहरा समुदाय के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम
यह दूसरा मौका है, जब पीएम मोदी बोहरा समुदाय के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। 2008 में प्रधानमंत्री इंदौर में बोहरा समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। लेकिन मरोल के कार्यक्रम से पीएम मोदी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। सियासी गलियारे में चर्चा है कि पीएम मोदी ने मुंबई के जरिए मुंबई समेत देश में रहने वाले पूरे बोहरा समुदाय को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की है।
आगामी दिनों में मुंबई में बृहनमुंबई नगर निगम के चुनाव भी होने हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई में 20 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है। कई वार्डों में मुस्लिमों का वोट निर्णायक है।
अब आइए जानें अरबी अकादमी से जुड़ी खास बातें
- अल जामिया-तुस-सैफियाह बोहरा समुदाय का सबसे प्रमुख संस्थानों में से एक है।
- दुनिया में इसके चार कैंपस हैं। भारत, पाकिस्तान और केन्या।
- 1969 में पाकिस्तान के कराची में इसके कैंपस की नींव रखी गई थी। दाई-अल-मुतलक मोहम्मद बुरहानुद्दीन ने इसे बनवाया था।
- 2011 में अल जामिया का कैंप केन्या में खोला गया।
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