Opposition Jodo Mission: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों को एकजुट करने के मिशन पर हैं। नीतीश आज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे। नीतीश कुमार के साथ उनके डिप्टी तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मौजूद रहेंगे।
प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, नीतीश कुमार सबसे पहले उद्धव ठाकरे के घर पहुंचेंगे। इसके बाद वे एनसीपी चीफ शरद पवार से मिलने उनके घऱ जाएंगे। बता दें कि एक दिन पहले नीतीश कुमार ने झारखंड जाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी जबकि उसके एक दिन पहले उन्होंने ओडिशा जाकर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की थी।
#WATCH | Mumbai: Hoardings welcoming JD(U) leader & Bihar CM Nitish Kumar and Dy CM Tejashwi Yadav put up as the duo will be meeting Uddhav Thackeray today pic.twitter.com/ONOxzHSo4g
— ANI (@ANI) May 11, 2023
---विज्ञापन---
हेमंत से दोनों नेताओं की एक घंटे तक चली थी मुलाकात
हेमंत से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी बातचीत 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए एकजुट विपक्ष बनाने पर केंद्रित है। मुख्यमंत्री नीतीश के साथ तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे थे। बिहार के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली थी।
नीतीश कुमार ने कहा था कि हमारी बातचीत एकजुट विपक्ष बनाने पर केंद्रित थी और चर्चा का परिणाम 2024 के लोकसभा चुनाव में दिखाई देगा। हमने देश की राजनीति के बारे में बात की और विकास के लिए मिलकर काम करेंगे। जदयू नेता ने कहा कि हम केंद्र द्वारा इतिहास में बदलाव करने के प्रयासों का विरोध करेंगे। हम हिंदू-मुस्लिम एकता को भी बहाल करेंगे।
नीतीश ने नवीन पटनायक से की थी मुलाकात
जनता दल (यूनाइटेड) के सर्वोच्च नेता 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ गुट को मजबूत करने के लिए विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। उन्होंने मंगलवार को भुवनेश्वर में ओडिशा के अपने समकक्ष नवीन पटनायक से मुलाकात की थी। दोनों मुख्यमंत्रियों ने दावा किया कि बैठक में अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए जद (यू) और बीजद के बीच किसी भी राजनीतिक गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।
बता दें कि नवीन पटनायक किसी भी राजनीतिक दल से जानबूझकर दूरी बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह भाजपा या कांग्रेस के नेतृत्व में हो। उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी राजनीतिक गठन के प्रति सौहार्दपूर्ण माना जाता है। नवीन पटनायक और नीतीश कुमार एक सौहार्दपूर्ण संबंध साझा करते हैं और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट सहयोगी थे।
कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में विपक्षी नेताओं की हो सकती है बैठक
भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की दिशा में काम कर रहे नीतीश ने यह भी संकेत दिया कि कर्नाटक चुनाव के बाद विपक्षी नेताओं की बैठक पटना में हो सकती है। जद (यू) सुप्रीमो ने कहा कि इस बैठक में विपक्षी एकता बनाने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। बता दें कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात की थी।