Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway: महाराष्ट्र जल्द ही नागपुर और गोवा को जोड़ने वाला एक नया एक्सप्रेसवे मिलेगा। हम नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे की बात कर रहे हैं, जो 802 किलोमीटर लंबा छह-लेन कॉरिडोर है, राज्य के परिवहन और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है। इसे महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MSRDC) द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को 18-20 घंटे से घटाकर केवल 8-10 घंटे कर देगा। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों को जोड़ते हुए क्षेत्रीय विकास में मददगार साबित होगा।
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का रूट
यह एक्सप्रेसवे वर्धा जिले के पवनार से शुरू होकर महाराष्ट्र-गोवा सीमा के पास पत्रादेवी पर खत्म होता है। यह वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी और सिंधुदुर्ग सहित 12 जिलों से होकर गुजरता है। सरकार का यह प्रोजेक्ट रीजनल टूरिज्म और डेवलपमेंट को बढ़ावा देगा।
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात यह है कि यह प्रमुख तीर्थस्थलों को भी जोड़ता है। वर्धा से सिंधुदुर्ग तक फैले इस एक्सप्रेसवे से भक्तों और पर्यटकों के लिए तीर्थयात्रा आसान हो जाएगी। एक्सप्रेसवे तीन धार्मिक स्थलों- सोलापुर के पास तुलजापुर, कोल्हापुर की महालक्ष्मी और पत्रादेवी को कवर करेगा। इससे धार्मिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास
यह एक्सप्रेसवे संगवडे, संगवडेवाड़ी, हलसवड़े, नेरली, विकासवाड़ी, कनेरीवाड़ी, कनेरी, कोगिल बुद्रुक और खेबवड़े जैसे गांवों से होकर गुजरेगा। ग्रामीण इलाकों को जोड़ने से इन क्षेत्रों में आर्थिक अवसर और विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। इस विशाल परियोजना की लागत लगभग 86,000 करोड़ रुपये है।
भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे हाईवे में से एक होगा। यह 701 किलोमीटर लंबे नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे को भी पीछे छोड़ देगा। यह परियोजना जिलों को जोड़ते हुए लाखों लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी। हालांकि, इस परियोजना ने कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज किया गया।
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