Supreme Court on Mumbai Serial Local Train Blasts 2006: मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। SC ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बता दें कि 22 जुलाई 2025 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन 12 आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया था, जिनका नाम इस वारदात में सामने आया था। 12 में से एक आरोपी की जेल में ही मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
मुंबई सीरियल लोकल ट्रेन ब्लास्ट केस में दो दिन पहले आए कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ कर दिया कि इस स्थगन के आदेश के बाद आरोपियों की जेल से रिहाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। 22 जुलाई को हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। HC के आदेश के बाद आरोपियों को रिहा कर दिया गया था।
Supreme Court stays Bombay High Court judgement that acquitted twelve accused persons in connection with the 2006 Mumbai train blasts pic.twitter.com/A8KDPYBceI
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 24, 2025
आरोपियों को बरी करने के आदेश पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन भी सामने आया था। उन्होंने इसे चौंकाने वाला फैसला बताया। जिन लोगों को जेल से रिहा किया गया था, उनमें मोहम्मद इब्राहिम अंसारी, सोयल मोहम्मद शेख, महाद मजीद, तनवीर अहमद, रहमान शेख, महाद शफी और जमीर अहमद लतीफुर का नाम शामिल है।
क्या था मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस?
साल 2006 में मुंबई में 7 ट्रेनों में बम ब्लास्ट किए गए थे। ये सभी ब्लास्ट कुछ ही मिनट के अंतराल पर किए गए। इसमें करीब 189 यात्रियों की मौत हुई थी। धमाके के लिए प्रेशर कुकरों का इस्तेमाल किया गया था। 5 ब्लास्ट चलती ट्रेनों में हुए थे, जबकि 2 प्लेटफॉर्म पर खड़ी ट्रेनों में किए गए। अब 19 साल बाद इस मामले पर फैसला आया था।