Manoj Jarange on Maratha Reservation : मराठा आरक्षण के योद्धा मनोज जरांगे पाटिल, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर दूसरे दौर के आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं, पिछले 4 दिन से वह सरकार को रोज अल्टीमेटम दे रहे हैं, उनका मानना है कि महाराष्ट्र सरकार उनको और उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है।
…सरकार होगी जिम्मेदार
जरांगे ने तमाम मराठा समाज से आवाहन किया और कहा कि गांव में आमरण अनशन करते वक्त सभी गांव वाले इस अनशन का समर्थन करें, कोई भाई-बहन खेती के काम के लिए ना जाए, 24 घंटे लगातार अनशन पर बैठें। जरांगे ने सरकार से कहा है कि अगर आमरण अनशन करते वक्त गांव में लोगों की सेहत बिगड़ी तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा, सरकार मराठा आरक्षण को लेकर सरकार जितना देरी करेगी, सरकार की राह उतनी ही मुश्किल होगी। जरांगे ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से गुजारिश की है कि वो राज्य सरकार को मराठा आरक्षण देने के लिए कहे, अगर आरक्षण मिला तो मराठा समाज उन्हें सिर पर लेकर नाचेगा।
सिर्फ पानी पीकर होगा आमरण अनशन
पाटिल, मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पहले भी 17 दिन का अनशन कर चुके हैं। मनोज जरांगे पाटिल का कहना है कि सीएम एकनाथ शिंदे ने एक महीने का समय मांगते हुए आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन 40 दिन बीतने के बाद भी मराठा को आरक्षण नहीं मिला। फिलहाल दोनों तरफ से बातचीत बंद है, जरांगे ने नेताओ को अंतरवाली सराटी में आने से मना किया है और मराठा भी बातचीत के लिए सरकार के पास नहीं जा रहे। जरांगे ने अब ऐलान करते हुए कहा है कि ऐसे में 29 अक्टूबर से महाराष्ट्र के हर गांव में अब मराठा समाज सिर्फ पानी पीकर आमरण अनशन करने वाला है। जरांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास अभी भी वक्त है, गरीब मराठा समाज का हक उन्हें मिलना ही चाहिए।