विनेद जगदाले, मुबंई: इस साल मानसून भले ही देरी से आया, लेकिन जमकर बरस रहा है। बारिश के कारण कई जगहों पर नदियां उफान पर हैं और बाढ़ से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। मानसून की इस मुसलाधार बारिश ने महाराष्ट्र के अमरावती में भी जमकर कहर बरपाया है। यहां किसानों का सबकुछ तहस नहस हो गया है। इसने किसानों की जिंदगी तितर-बितर कर दी है। बारिश और बाढ़ से खेत खलियान सब डूबे हुए हैं। अन्नदाताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि वो करें तो क्या करें।
ऐसा ही कुछ आलम अमरावती जिले (Pain of Farmers) के धामनगांव रेलवे तालुका के चिंचपुर का भी है। यहां बाढ़ के कारण किसानों की सोयाबीन और कपास की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। चिंचपुर के किसान विलास धारणे के साढ़े 3 एकड़ की खेती पानी के साथ बह गयी। विलास धारणे का कहना है कि उसका सब कुछ पानी की भेंट चढ़ गया है। बर्बादी के अलावा उसके पास अब कुछ भी नहीं बचा है। वो चिल्ला चिल्लाकर कह रहे हैं कि उनके पास अब मरने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। इसका यह वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्र में कई जिलों में भारी बारिश के बीच बाढ़ ने जबरदस्त तबाही मचा रखी है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है। ये वीडियो अमरावती जिले के धामनगांव रेलवे तालुका के चिंचपुर की जहां एक विवश किसान क्या कह रहा है आप भी सुनिए। @iamvinodjagdale #Flood #Monsoon2023… pic.twitter.com/r5FSPCC6Zm
— News24 (@news24tvchannel) July 29, 2023
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यह दर्द सिर्फ एक विलास धारणे का नहीं है। देश में हजारों ऐसे अन्नदाताओं की है, जिनके अरमान बारिश और बाढ़ में बह गए हैं। किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसान बेबस के आंसू रोने को मजबूर हैं।
दअरसल बाढ़ और बारिश के प्रकोप से इस वक्त लगभग आधा हिंदुस्तान पस्त है। खासतौर से महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश के साथ हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर बारिश काल बनकर बरस रहा है।
इस कुदरती कहर के आगे किसानों को भगवान के बाद सिर्फ सरकार से उम्मीद है। किसान लगातार सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। प्रभावित किसानों का कहना है कि उनकी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं ऐसे में सरकार उनकी मदद के लिए आगे आए और बर्बाद फसलों का मुआवजा दे, ताकि वो परिवार का भरण-पोषण कर सकें।