मुंबई: 4 साल बाद महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) से प्रतिबंध हटा लिया है। पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव प्रवीण दराडे ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और थर्मोकोल की वस्तुओं पर प्रतिबंध का अध्ययन करने वाले एक पैनल ने कंपोस्टेबल सामग्री से बनी वस्तुओं की अनुमति देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि इस कदम से प्लास्टिक उत्पाद विनिर्माताओं को राहत मिलेगी। 2018 में महाराष्ट्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्ट्रॉ, कप, प्लेट, कांटे और चम्मच के उत्पादन की अनुमति दे दी है।
राज्य में इन चीजों की होगी अनुमति:
महाराष्ट्र में अब कुछ वस्तुओं का उपयोग करने की अनुमति दी गई है जो एकल-उपयोग प्लास्टिक पर नीति में परिवर्तन करके ‘कम्पोस्टेबल’ सामग्री से बनाई जाएंगी।
- तिनके का उत्पादन
- कपों का उत्पादन
- कांटे और चम्मच का उत्पादन
- पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग (ईसीसीडी) द्वारा जारी एक अधिसूचना में बिना बुने हुए पॉलीप्रोपाइलीन बैग के उपयोग की भी अनुमति दी गई है, जो 60 ग्राम प्रति वर्ग मीटर (जीएसएम) से कम नहीं है।
- 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री।
- प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री मोटाई में 50 माइक्रोन से अधिक होगी – यदि प्लास्टिक शीट की मोटाई उत्पाद की कार्यक्षमता को बाधित करती है, तो पैकेजिंग सामग्री 50 माइक्रोन से कम हो सकती है।
लेकिन इन उत्पादों के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) से मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। दरादे ने कहा कि सड़ सकने वाली सामग्री से बनी एकल उपयोग वाली वस्तुओं के उत्पादन की अनुमति देने की मांग की गई थी।