Maharashtra News: उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को एक सर्वे के आंकड़े जारी किए। जो महाराष्ट्र के आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में महिला कल्याण योजनाओं के बारे में है। इसमें बजट में कटौती के साथ-साथ लाभार्थियों की संख्या में भी कटौती की भी जानकारी दी गई। सर्वे के मुताबिक, शक्ति सदन योजना में रहने वालों की संख्या में भी करीब 57 फीसदी तक कमी आई है। वहीं, महिला छात्रावासों के बजट में भी 36 फीसदी तक कटौती की गई है। पढ़िए किन योजनाओं में कितने लाभार्थियों और बजट में कितनी कमी आई।
लाभार्थियों की संख्या और बजट में कमी
सर्वे के मुताबिक, महिला परामर्श केंद्रों के आवंटन में 69 फीसदी तक कमी देखी गई है। इसके अलावा, तस्करी पीड़ितों और कमजोर महिलाओं को पुनर्वास सेवाएं देने वाली योजना शक्ति सदन सुविधाओं में भी कैदियों की संख्या में 57 फीसदी तक कम हुई है। वहीं, सरकारी महिला छात्रावास, आश्रय गृहों और सुरक्षा गृहों में भी सामूहिक तौर पर 2024-25 में 4527 महिलाओं की संख्या 6,654 से 32 फीसदी तक कम हुई है। इन सुविधाओं के लिए जारी की जाने वाली राशि में भी 36 फीसदी तक की कटौती की गई है।
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सबसे ज्यादा कटौती कहां?
टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें सबसे ज्यादा कटौती महिला परामर्श केन्द्रों को झेलनी पड़ी है। जिसमें 69 फीसदी तक की कमी आई देखी गई है। जो 4.20 करोड़ रुपये से घटकर केवल 1.32 करोड़ रुपये रह गई है। वहीं, लाभार्थियों की संख्या में 29 फीसदी की कमी आई देखी गई। घरेलू हिंसा पीड़ितों के लिए सुरक्षा सेवाओं में लाभार्थियों की संख्या 11,722 से 9,704 तक रह गई है। जिसकी फंडिंग में 30.95 करोड़ रुपये से 24.63 करोड़ रुपये तक की कमी आई है। वहीं, कामकाजी महिलाओं के लिए सखी निवास आवास में 20 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली है।
इसके अलावा मनोधैर्य योजना में महिला लाभार्थियों की संख्या में 13 फीसदी तक बढ़ोतरी देखने को मिली है। जबकि, इसका बजट 59 फीसदी तक कमी के साथ 48 करोड़ रुपये से घटकर 19.48 करोड़ तक पहुंच गया है। सर्वे के सामने आने के बाद से इन योजनाओं में गिरावट पर कई सवाल उठ रहे हैं।
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