महाराष्ट्र राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 100 दिवसीय कार्यालयीन सुधार कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विभागों की सूची जारी की। इस सूची में शीर्ष पांच विभागों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीन और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो विभाग शामिल हैं। ख्यमंत्री पद की तीसरी बार शपथ लेने के बाद फडणवीस ने सभी विभागों को 100 दिनों के भीतर सुधारों का लक्ष्य दिया था। इस कार्यक्रम के तहत 10 मानकों पर प्रदर्शन का मूल्यांकन किया गया, जिनमें वेबसाइट सुधार, कार्यालयीन सुविधाएं, शिकायत निवारण प्रणाली, जीवन को सरल बनाने की पहलें, निवेश प्रोत्साहन, तकनीकी नवाचार जैसे पहलू शामिल थे। मूल्यांकन भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India) द्वारा किया गया।
टॉप 5 में शामिल विभाग
1.महिला और बाल कल्याण विभाग (एनसीपी)- 100 में से 80 अंक लेकर सबसे ऊपर। मंत्री अदिति तटकरे की सक्रियता और निरंतर प्रयासों को इसका श्रेय दिया गया।
2.लोक निर्माण विभाग (बीजेपी)- राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने में उत्कृष्ट योगदान।
3. कृषि विभाग (एनसीपी)- किसानों के लिए योजनाओं और डिजिटल नवाचार के कारण सराहा गया।
4. ग्राम विकास विभाग (बीजेपी)- ग्रामीण विकास और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए।
5. परिवहन विभाग (शिंदे गुट) और पोर्ट विभाग (बीजेपी)- दोनों विभागों ने संयुक्त रूप से पांचवां स्थान प्राप्त किया।
100 दिवसांच्या कार्यालयीन सुधारणा कार्यक्रमाचे भारतीय गुणवत्ता परिषद (Quality Council of India) तर्फे अंतिम मूल्यमापन करण्यात आले. या निकालानुसार वेबसाईट सुधारणा, कार्यालयीन सोयीसुविधा, तक्रार निवारण, सुलभ जीवनमान, गुंतवणुकीस चालना, तंत्रज्ञानाचा वापर इत्यादी 10 मुद्यांवर… pic.twitter.com/svAqMiLPok
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 1, 2025
अन्य प्रमुख विभागीय प्रदर्शन
- 5 मंत्रालयों के सचिव, 5 मंत्रालयों के आयुक्त, 5 जिलाधिकारियों, 5 पुलिस अधीक्षकों की भी सराहना की गई। इनमें भी शिंदे गुट या ठाणे जिले से कोई नाम शामिल नहीं।
- हालांकि, ठाणे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जिला परिषद श्रेणी में पहला स्थान पाया।
- ठाणे पुलिस कमिश्नर को टॉप 3 में दूसरा स्थान मिला, लेकिन ठाणे महानगरपालिका आयुक्त का नाम महानगर पालिका श्रेणी में नहीं था।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने साफ संकेत दिए हैं कि जिन विभागों का प्रदर्शन कमजोर रहेगा, उन्हें भविष्य में सरकार से बाहर किया जा सकता है। 100 दिवसीय सुधार कार्यक्रम को इसी दिशा में सरकार का पहला ठोस कदम माना जा रहा है।