Go Back Modi Posters: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को पुणे यात्रा से पहले युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर भर में पोस्टर लगाए, जिन पर ‘मोदी वापस जाओ’ लिखा है। कांग्रेस की युवा शाखा ने मणिपुर में अशांति के विरोध में पुणे शहर के कुछ हिस्सों में पोस्टर लगाए हैं। मणिपुर में हिंसा समेत कई मुद्दों के विरोध में पूरे पुणे में पोस्टर लगाए गए हैं।
एक पोस्टर पर लिखा था कि मिस्टर क्राइम मिनिस्टर वापस जाओ। एक अन्य पोस्टर में लिखा था कि मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, मणिपुर जाएं, संसद का सामना करें। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम इन अनधिकृत पोस्टरों को हटाने के लिए पुणे नगर निगम के संपर्क में हैं।
मणिपुर हिंसा समेत कई मुद्दों पर विपक्ष कर केंद्र के खिलाफ विरोध
बता दें कि मणिपुर हिंसा समेत विपक्ष कई अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इन मुद्दों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध, बेरोजगारी और अन्य मुद्दें शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पुणे जाएंगे और दगडूशेठ मंदिर में पूजा करेंगे। पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा और वह विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे।
क्यों दिया जाता है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार
लोकमान्य तिलक की विरासत का सम्मान करने के लिए 1983 में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट द्वारा की गई थी। यह राष्ट्र की प्रगति और विकास में उल्लेखनीय और असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। ये सम्मान हर साल 1 अगस्त यानी लोकमान्य तिलक की पुण्य तिथि पर दिया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी दोपहर 12.45 बजे मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे और विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) के तहत अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे।
पीएम मोदी के पुणे दौरे के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बना रहा विपक्ष
विपक्षी दलों का गठबंधन INDIA के सदस्य मंगलवार को पीएम मोदी के दौरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं> विपक्षी गठबंधन के सदस्यों ने एक विज्ञप्ति में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास विदेश जाने का समय है, लेकिन मणिपुर जाने का नहीं। बता दें कि मणिपुर में मई की शुरुआत से हिंसा जारी है। यहां अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैंकड़ों लोग विस्थापित हुए हैं जो राहत शिविरों में रह रहे हैं।