Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने छेड़खानी के एक आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि लड़की का हाथ पकड़कर प्यार का इजहार करना छेड़खानी नहीं हो सकता है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक नाबालिग लड़की का हाथ पकड़कर उससे छेड़छाड़ करने के आरोपी को जमानत देते हुए ये बातें कही। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के बयान में ‘यौन उत्पीड़न की मंशा’ का कोई संकेत नहीं है।
जस्टिस भारती डांगरे ने 10 फरवरी को आरोपी ऑटो रिक्शा चालक की गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका मंजूर कर ली। विस्तृत आदेश सोमवार को उपलब्ध कराया गया। 17 साल की लड़की के पिता ने आरोपी के खिलाफ यवतमाल के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद ऑटो रिक्शा चालक पर छेड़छाड़ के लिए भारतीय दंड संहिता से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी के ऑटो रिक्शा से कॉलेज और ट्यूशन जाती थी छात्रा
शिकायतकर्ता के अनुसार, उनकी बेटी कुछ दिनों तक आरोपी के ऑटो रिक्शा से कॉलेज और ट्यूशन जाती रही थी। जब उनकी बेटी ने ऑटो रिक्शा से जाना बंद कर दिया, तो आरोपी ने नाबालिग का पीछा करना शुरू कर दिया। शिकायत में कहा गया है कि 1 नवंबर, 2022 को आरोपी ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके लिए अपनी प्यार का इजहार किया।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि आरोपी उसे घर छोड़ना चाहता था, लेकिन उसने जबरदस्ती नहीं की और मौके से भाग गई। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता पक्ष से लगाए गए आरोपों से ये देखा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया, यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं है।
अदालत ने कहा, “एक पल के लिए यह मानते हुए कि उसने उसके लिए अपनी पसंद व्यक्त की, चूंकि पीड़ित लड़की के बयान में यौन उत्पीड़न की मंशा जैसा कुछ नहीं बताया है। प्रथम दृष्टया आरोपी गिरफ्तारी से सुरक्षा का हकदार है। कोर्ट ने आरोपी को चेतावनी दी कि वह ऐसा दोबारा नहीं करेगा और अगर उसने ऐसा किया तो उसे दी गई जमानत वापस ले ली जाएगी।