महाराष्ट्र के प्रदेश संगठन में भारतीय जनता पार्टी का एक महत्वपूर्ण चरण पूरा हो गया है। दरअसल, पूरे राज्य में कुल 1221 मंडलों की स्थापना की गई है। इनमें से 963 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की जा चुकी है। भाजपा के कार्याध्यक्ष रवींद्र चव्हाण के नेतृत्व में यह प्रक्रिया वर्कप्लान के साथ पूरी की गई है। भाजपा ने ‘संगठन ही असली शक्ति है’ इस सिद्धांत पर चलते हुए अब महाराष्ट्र में भी अपना मजबूत किला खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी।
1221 मंडलों का गठन
भाजपा की संगठनात्मक संरचना का यह फेज महाराष्ट्र के सभी भागों में राजनीतिक ताकत को मजबूत करने की दृष्टि से निर्णायक साबित हो रहा है। पूरे राज्य में 1221 मंडलों का गठन किया गया है। इनमें से 963 मंडलों की रचना की घोषणा की गई है और 258 मंडलों की स्थापना हाल ही में की गई है।
ऐसे होगा मंडलों का वितरण
- कोकण-ठाणे विभाग में 184 मंडल
- उत्तर महाराष्ट्र में 184 मंडल
- पश्चिम महाराष्ट्र में 222 मंडल
- विदर्भ में 313 मंडल
- मराठवाड़ा में 207 मंडल
- मुंबई विभाग में 111 मंडल
राज्य में बढ़ेगी पार्टी की शक्ति
इन सभी नियुक्तियों का महत्व केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पार्टी की जनाधार आधारित शक्ति को बढ़ाने की कोशिश है। इससे भाजपा की कार्यपद्धति में अनुशासन, संगठन और समय के प्रबंधन की स्पष्ट झलक मिलती है।
भाजपा के कार्याध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के नेतृत्व में आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव के लिए यह एक संगठित और समर्पित कार्यशैली की शुरुआत है। भाजपा की रणनीति अब और अधिक गांवों तक पहुंचने की और आम मतदाता से सीधा संवाद स्थापित करने की है।