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26/11 Attack: इन वीर सपूतों ने आतंकियों से लिया था लोहा, जान गंवाकर भी कसाब को पकड़ा था जिंदा

समुद्र के रास्ते मुंबई आए लश्कर के 10 आतंकियों ने गोलीबारी और बमबारी से बड़े हमलों को अंजाम दिया था। 15 साल के बाद आज भी 26/11 की घटना देशवासियों को हिला कर रख देती है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Nov 26, 2023 09:34
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26/11 Mumbai Terror Attack : देश के लिए 26/11 का दिन एक काला दिन है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में साल 2008 में इस दिन चीख पुकार मची थी। लोग अपनी जानकर बचाकर इधर उधर छिप रहे थे। उनके फोन की घंटी बजने लगी। परिजनों को अपनी परिवार की चिंता सताने लगी। इस खौफनाक मंजर के लिए लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार था। समुद्र के रास्ते मुंबई आए लश्कर के 10 आतंकियों ने गोलीबारी और बमबारी से बड़े हमलों को अंजाम दिया था। 15 साल के बाद आज भी 26/11 की घटना देशवासियों को हिला कर रख देती है। आइये उन नायकों को याद करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान गंवाई थी।

हेमंत करकरे

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हेमंत करकरे महाराष्ट्र के तत्कालीन आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के प्रमुख थे। उन्होंने आगे बढ़कर 26/11 आतंकी हमले का नेतृत्व किया था। हेमंत करकरे ने मुंबई में हुई श्रेणीबद्ध गोलीबारी और बमबारी का बहादुरी से सामना किया और वे शहीद हो गए। मरणोपरांत उन्हें साल 2009 में अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।

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तुकाराम ओम्बले

पाकिस्तान की नापाक हरकत को उजागर करने में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) तुकाराम ओंबले का बड़ा योगदान है, क्योंकि उन्होंने 40 से अधिक गोली गलने के बाद भी हार नहीं मानी और अकेले ही अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया। बाद में कसाब के जरिये पाकिस्तान के घृणित कृत्य का खुलासा हुआ।

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मेजर संदीप उन्नीकृष्णन

मेजर संदीप उन्नीकृष्णन इंडियन आर्मी के एक जांबाज अफसर थे. मेजर संदीप उन्नीकृष्णन को ताज महल पैलेस होटल में छिपे आतंकियों को मार गिराने के लिए बुलाया गया था और उन्होंने अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया था.

विजय सालस्कर

विजय सालस्कर मुंबई पुलिस में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। वे 26/11 हमले में आतंकियों से सामने करते हुए शहीद हो गए थे।

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अशोक कामटे

आतंकी अजमल कसाब ने अपने कबूलमाने में कहा था कि कामा अस्पताल के बाहर करकरे और सालस्कर के साथ अशोक कामटे भी शहीद हो गए थे. ये तीनों आतंकियों से लोहा लेने के लिए सीएसटी स्टेशन के करीब कामा अस्पताल जा रहे थे, लेकिन इससे पहले ही आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया था.

हवलदार गजेंद्र सिंह

एनएसजी कमांडो हवलदार गजेंदर सिंह 26/11 मुंबई हमले में शहीद हो गए थे। 26 जनवरी 2009 में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा उन्हें अशोक चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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News24 हिंदी

First published on: Nov 26, 2023 09:07 AM

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