Manthan Chhattisgarh: न्यूज24 के लोकप्रिय कार्यक्रम मंथन का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजन हो रहा है। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में कलाकारों की क्या स्थिति है? पिछले 5 साल में छत्तीसगढ़ी भाषा और संस्कृति कितनी समृद्ध हुई है? फिल्म उद्योग को लेकर राज्य में क्या संभावनाएं हैं? इन सब मुद्दों को लेकर एंकर पूजा राठौर शर्मा ने कुंवर सिंह, कवि डाॅ. सुरेंद्र दुबे, गौरव द्विवेदी और फिल्म डायरेक्टर पलाश वासवानी से चर्चा की।
पटरी पर लौट रहा छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग- गौरव द्विवेदी
सवाल था कि छत्तीसगढ़ को लेकर क्या लोगों का रूझान बदल गया है। पहले सिर्फ नक्सली हमलों की खबरें आती थी। तो फिल्मों को लेकर क्या माहौल बदला है? इसके जवाब में गौरव द्विवेदी ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में कई फिल्मों की शूटिंग हो रही है। कई बड़े डायरेक्टर्स यहां आकर शूटिंग के लिए लोकेशन देख रहे हैं। नई फिल्म पाॅलिसी भी आने वाली है। बीच में कोरोना के कारण चीजें खराब हो गई थी। लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ पटरी पर लौट रहा है। अब तक पूरे प्रदेश में अलग-अलग लोकेशन पर 20 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है।
बीजेपी राज में संस्कृति ने दम तोड़ दिया था- कुंवर सिंह
सवाल था कि भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ी संस्कृति कितनी समृद्ध हुई है? इसके जवाब में लोक कलाकार और कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह ने कहा कि पिछले 5 साल में भूपेश सरकार ने संस्कृति की प्राचीन गौरव को लौटाने का काम किया है। सरकार ने घर कलेवा के माध्यम छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजन को फिर से जीवित करने का काम किया है।
नाचा से छत्तीसगढ़ की संस्कृति का उद्भव हुआ था। हमारी सरकार ने इसको आगे बढ़ाने का काम किया। कुंवर सिंह ने पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके राज में छत्तीसगढ़ी संस्कृति ने दम तोड़ दिया था। राज्य के स्थापना दिवस समारोह में पश्चिमी संस्कृति को दर्शाने वाले कलाकार यहां आकर प्रदर्शन करते थे। वहीं छत्तीसगढ़ के कलाकारों को मौका नहीं मिल पाता था।
छत्तीसगढ़ में जल्द बनेगी विश्वस्तरीय फिल्म सिटी- गौरव द्विवेदी
सवाल था कि यूपी के ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी बनने जा रही है तो छत्तीसगढ़ में इस प्रकार का प्रयास कब होगा? इसके जवाब में गौरव द्विवेदी ने कहा कि हमारी सरकार फिल्म सिटी के लिए जमीन चिन्हित कर चुकी है इन्वेस्टर्स के साथ मीटिंग भी हो चुकी है। हमारी फिल्मसिटी पूरी तरह छत्तीसगढ़ी की प्रकृति और संस्कृति को दर्शाने वाली होगी। इस फिल्मसिटी में मुबंई या हैदराबाद की तरह ही सभी सुविधाएं होगी।