नई दिल्ली: शिवसेना के दोनों धड़ों में से कोई भी उपचुनाव में चुनाव चिन्ह तीर कमान का उपयोग नहीं कर सकेगा। चुनाव आयोग ने शनिवार को पार्टी के इस सिम्बल को फ्रीज कर दिया। आयोग को सोमवार दोपहर 1 बजे तक नए चुनाव चिह्न के लिए विकल्प देना है।
हालांकि आयोग ने दोनों गुट को छूट दी है कि वो अपने नाम के साथ चाहे तो सेना शब्द इस्तेमाल कर सकते हैं। आयोग के पास नाम और फ्री सिंबल्स में से तीन विकल्प प्राथमिकता के आधार पर बताने ही होंगे। वहीं आज दोनों गुट अपने-अपने नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
चुनाव आयोग ने कहा है कि शिवसेना ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिन्ह के साथ महाराष्ट्र में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है। शिवसेना के संविधान के प्रावधानों के अनुसार, शीर्ष पर स्तर पर पार्टी में एक प्रमुख और एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी है।
चुनाव आयोग ने कहा कि 25 जून, 2022 को उद्धव ठाकरे की तरफ से अनिल देसाई ने आयोग को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में सूचित किया था। उन्होंने ‘शिवसेना या बालासाहेब’ के नामों का उपयोग कर किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना के लिए अग्रिम आपत्ति जताई थी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। इसके बाद चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट को इस पर जवाब देने के लिए कहा था।